- तहसील परिसर में बने आवास को दफ्तर बनाकर, बाहरी व्यक्तियों से सरकारी कामकाज करवाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे नायब तहसीलदार बीकेटी
अजय सिंह चौहान /निष्पक्ष प्रतिदिन /लखनऊ
उत्तर प्रदेश के सभी मण्डल,कलेक्ट्रेट व तहसील कार्यालयों में सरकारी कर्मचारियों द्वारा बाहरी व निजी कार्मिकों, प्राइवेट व्यक्तियों से सरकारी कामकाज करवाए जाने पर तत्काल प्रभाव से राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव अनिल कुमार यादव की ओर से सभी मण्डलायुक्तों व सभी जिलाधिकारियों को जारी कर प्रतिबंध लगा दिया गया था।फिर भी राजस्व परिषद के आयुक्त व सचिव के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए नायब तहसीलदार बख्शी का तालाब आकाश पाण्डेय द्वारा तहसील परिसर में स्थित अपने सरकारी आवास को दफ्तर में तब्दील कर बाहरी व निजी कार्मिकों, प्राइवेट व्यक्तियों से बंद दरवाज़े के अंदर सरकारी कामकाज करवाकर खुलेआम तहसील में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।जबकि शासन ने इस संबंध में संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किये थे,कि यदि कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी किसी बाहरी व्यक्ति से सरकारी दफ्तरों में कार्य करायेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी, जिसके उत्तरदायी वह खुद होंगे।लेकिन राजस्व परिषद के आयुक्त व सचिव के आदेशों को नायब तहसीलदार बख्शी का तालाब मानने को तैयार नहीं हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में कलेक्ट्रेट व तहसीलों में सरकारी कर्मचारियों द्वारा प्राइवेट कर्मिकों से कार्य कराए जाने को लेकर लगातार मिल रही भ्रष्टाचार की शिकायतों को संज्ञान लेते हुए राजस्व परिषद के आयुक्त /सचिव अनिल कुमार यादव ने 29 सितंबर 2023 को पत्र संख्या – 3163/12-एल (4)/2023 आदेश जारी कर कहा था,कि यदि कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी किसी बाहरी व्यक्ति से सरकारी दफ्तरों में कार्य करायेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी, जिसके उत्तरदायी वह खुद होंगे। इस सरकारी फरमान के बाद ऐसे कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया था, जो अपना पूरा कार्य बाहरी व्यक्तियों से कराते आ रहे थे।
गौर हो कि नायब तहसीलदार बख्शी का तालाब द्वारा निजी तौर पर बाहरी व्यक्तियों को कार्य पर लगाकर उनसे अपने न्यायालय व अन्य सरकारी कार्य कराया जा रहा है।वहीं अगर देखा जाय तो जिले की अन्य तहसीलों व कलेक्ट्रेट आदि स्थानों पर ऐसे लोगों की भरमार है।बीकेटी तहसील में तो कई लेखपाल और कानूनगो हैं, जिन्होंने निजी तौर पर अपने सहायक रखे हुए हैे, जो बाहरी हैं और सरकारी कार्य इन्ही बाहरी व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। ऐसे व्यक्तियों द्वारा भ्रष्टाचार व अनियमितताएं किये जाने की भी शिकायतें शासन व परिषद को निरन्त प्राप्त हो रही थीं। दफ्तरों में प्राइवेट कर्मचारियों के कार्य न करने और मूवमेंट रजिस्टर में इंट्री किए बिना दफ्तर अवधि में पटल ने छोड़ने के संबंध में ने सभी उपजिलाधिकारियों को निवर्तमान डीएम अभिषेक प्रकाश ने निर्देश जारी किया था,कि सभी तहसीलों में किसी भी पटल पर कोई प्राइवेट व्यक्ति कार्य नहीं करेगा।लेकिन उनका तबादला हो जाने के बाद तहसीलों के सभी पटलों पर फिर प्राइवेट व्यक्ति कार्य करते देखे जा रहें हैं।