दिल्ली छावनी में NCC के गणतंत्र दिवस शिविर के उद्घाटन के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किया उद्घाटन

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को दिल्ली छावनी में राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) के गणतंत्र दिवस शिविर का औपचारिक उद्घाटन किया. उन्होंने इस अवसर पर आयोजित एक समारोह को भी संबोधित किया. इस दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का दृष्टिकोण अब एक सपना नहीं, बल्कि एक ‘निश्चित लक्ष्य’ है.उन्होंने राष्ट्र सेवा की भावना के लिए एनसीसी सदस्यों की सराहना की.

उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘आप (एनसीसी कैडेट) हमारी युवा आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं. 2047 में हमारा विकसित राष्ट्र का दृष्टिकोण अब एक सपना नहीं है. यह हमारा निश्चित लक्ष्य है. उन्होंने एनसीसी सदस्यों की प्रशंसा की और कहा कि वे राष्ट्र की सेवा की भावना के साथ एकता और अनुशासन को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं. धनखड़ ने कहा, ‘आप सभी 2047 में भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं.’

अब भारत संभावनाओं वाला देश नहीं रह गया- उपराष्ट्रपति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने औपनिवेशिक शासन से देश की आजादी के 100 साल पूरे होने पर 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनाने का संकल्प लिया है. धनखड़ ने एनसीसी कैडेट से कहा, ‘आप भाग्यशाली हैं कि आप ऐसे समय में रह रहे हैं जब भारत संभावनाओं वाला देश नहीं रह गया है. यह बेजोड़ बुनियादी ढांचे के विकास के साथ उभरता हुआ देश है.’

उन्होंने एनसीसी कैडेट्स से 5 मूल्यों का प्रतिदिन अभ्यास करने का अनुरोध किया. ये हैं अगुवाई, जिम्मेदारी, मूल्यों और चेतना के माध्यम से एक मजबूत राष्ट्रवादी भावना का निर्माण. धनखड़ ने कहा, ‘हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ सतर्क रहें. मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़, अडिग और अडिग होना चाहिए, क्योंकि यह हमारे अस्तित्व का आधार है.’

देश भर से 2,361 NCC कैडेट शिविर में ले रहे हिस्सा
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नए हवाई अड्डों और महानगरों समेत विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का हवाला दिया. देश भर से कुल 2,361 एनसीसी कैडेट एक महीने तक चलने वाले गणतंत्र दिवस शिविर में हिस्सा ले रहे हैं, जो 30 दिसंबर को शुरू हुआ और 27 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली के साथ समाप्त होगा. वार्षिक कार्यक्रम में 917 बालिका कैडेट भाग ले रही हैं, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है. 2,361 कैडेट में से 114 जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से, जबकि 178 पूर्वोत्तर क्षेत्र से हैं.

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