उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जहां UCC हुआ लागू

उत्तराखंड में आज यानी कि सोमवार से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो चुकी है. इसके साथ ही यह भारत का पहला राज्य होगा, जहां यह कानून प्रभावी हुआ है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने UCC पोर्टल किया लॉन्च किया. सीएम ने रिमोट दबाकर वेब पोर्टल का लोकार्पण किया. सीएम धामी ने UCC लागू होने पर प्रदेश की जनता को बधाई दी. सीएम ने कहा कि अब प्रदेश में लिंग, जाति या धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा. इसके साथ ही आज से प्रदेश में हलाला से लेकर बहुविवाह तक सब खत्म हो जाएगा.

सीएम ने कहा कि आज का दिन न केवल उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देश भर के लिए ऐतिहासिक है. उन्होंने कहा कि 2 लाख 35 हजार लोगों से बात कर कड़ी मेहनत से UCC तैयार किया गया. UCC लागू कर बाबा भीमराव अंबेडकर को असली श्रद्धांजलि दी है.

UCC की नियमावली गठित समिति के अध्यक्ष पूर्व मुख्य सचिव सत्रुघ्न सिंह का सम्बोधन दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है.

नियमावली समिति ने नियमावली बनाते समय समिति ने लॉ कमीशन के कई फैमिली रिपोर्ट भी पढ़ीं. उन्होंने बताया कि पूरे राज्य का दौरा किया गया लोगों से उनकी समस्या दर्द के बारे में जानने का प्रयास किया गया. विदेश में रहने वाले उत्तराखंड नागरिकों का कम समय में रजिस्ट्रेशन करवाने की भी व्यवस्था होगी.

3 साल पुराना वादा किया पूरा- सीएम
समान नागरिक संहिता लागू होने से पहले सीएम ने कहा कि हमने पीएम मोदी के नेतृत्व में जो 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा था. उसमें हमने प्रदेश वासियों से वादा किया था, कि सरकार बनने के बाद हम यूसीसी लागू करने का काम करेंगे. आज हमने अपना 3 साल पुराना वादा पूरा कर दिया है.

जनता ने सब मिथक तोड़ दिए- धामी
सीएम धामी ने कहा इसी क्षण से हर धर्म,वर्ग की महिलाओं के अधिकार एक समान हो गए हैं. इसके लिए सीएम रंजना प्रकाश देसाई का आभार जताया है. सीएम धामी ने कहा के ये पल मेरे लिए भावुक क्षण हैं. राज्य स्थापना के बाद पहली बार ऐसा हुआ जब कोई सरकार दोबारा आई है. जनता ने सब मिथ्या को तोड़ दिया है.

कु-प्रथा होगी खत्म परंपरा में नहीं होगा कोई बदलाव
12 फरवरी 2022 को मैने UCC लागू करने का संकल्प जनता के सामने किया था. सभी नागरिकों को एक समान अधिकार देने का प्रयास किया गया है,समान नागरिक संहिता किसी भी धर्म या पंथ के खिलाफ नही है. ये सिर्फ कु-प्रथा खत्म करने के लिए है,किसी की धार्मिक पूजन परम्परा पर कोई बदलाव नहीं होगा.

शुरू हुआ हुआ यूसीसी पोर्टल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज यानी कि 27 जनवरी को यूसीसी पोर्टल का शुभारंभ करेंगे. दोपहर 12.30 बजे सचिवालय में UCC पोर्टल का शुभारंभ किया जाएगा. उत्तराखंड सरकार के अनुसार यह अधिनियम उत्तराखंड राज्य के सम्पूर्ण क्षेत्र में लागू होगा, तथा राज्य से बाहर रहने वाले राज्य के निवासियों पर भी प्रभावी होगा.

इसके साथ ही यूसीसी की नियमावली का भी लोकार्पण किया गया. इसके बाद से विवाह, तलाक, लिव इन, लिव इन से अलग होना, विरासत आदि के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं.

क्या-क्या होगा बदलाव और कैसे होगा काम?
यूसीसी पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन की थ्री लेयर की व्यवस्था होगी. इसके अलावा इंटरनेट की सुविधा ना होने या पोर्टल काम नहीं करने पर वहां सीएससी के माध्यम से पंजीकरण होगा. इसके लिए आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा. कोई भी शिकायत होने पर आप पोर्टल पर ही दर्ज करा सकते हैं.

इस कानून के बाद उत्तराधिकारी होने के लिए गवाह की जरुरत होगी. तलाक लेने के लिए कोर्ट की मंजूरी जरुरी होगी. वैवाहिक संबंध तोड़ने पर 60 दिन के भीतर देना होगा पोर्टल पर सूचना देनी होगी. इसके अलावा लिव इन में रहने वालो को एक माह के भीतर पंजीकरण करवाना होगा. पंचायत पालिका निगम स्तर पर उप रजिस्ट्रार व रजिस्ट्रार तैनात किए जाएंगे.

बीजेपी शासित राज्य में लागू होगा यूसीसी- अमित शाह
यूसीसी के तहत विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और विरासत से संबंधित व्यक्तिगत कानून अनुसूचित जनजातियों और संरक्षित प्राधिकरण-सशक्त व्यक्तियों और समुदायों को छोड़कर सब पर समान रूप से लागू होंगे. इसके लागू होने के बाद वसीयतनामा उत्तराधिकार के तहत वसीयत और पूरक दस्तावेजों, जिन्हें कोडिसिल के रूप में जाना जाता है, के निर्माण और रद्द करने के लिए एक व्यवस्थित ढांचा स्थापित किया जाएगा.

पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था बीजेपी शासित सभी राज्यों में एक-एक कर यूसीसी लागू किया जाएगा. इसके लागू होने के बाद उत्तराखंड में हलाला से लेकर बहुविवाह तक सब खत्म हो जाएगा.

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