- संग्रहालय को गोंड शासकों के वैभव के अनुरूप भव्य स्वरूप देने के दिये निर्देश
जबलपुर। जनजातीय मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने शनिवार देर शाम जबलपुर प्रवास के दौरान यहाँ निर्माणाधीन अमर शहीद राजा शंकर शाह-कुंवर रघुनाथ शाह संग्रहालय का निरीक्षण किया। इस अवसर पर सांसद आशीष दुबे, कलेक्टर दीपक सक्सेना, पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह और विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे।
केंद्रीय राज्य मंत्री उइके ने निरीक्षण में संग्रहालय की प्रत्येक गैलरी का अवलोकन किया। वे बंदी गृह भी गये जहाँ अमर शहीद पिता-पुत्र को अंग्रेज शासकों द्वारा कैदी बनाकर रखा गया था। उन्होंने दूसरे चरण में संग्रहालय में चल रहे निर्माण कार्यों की तथा तीसरे चरण में प्रस्तावित कार्यों की जानकारी ली। इसके पहले उइके ने संग्रहालय से लगे उस स्थान पर पुष्पांजलि अर्पित की, जहां अंग्रेज शासकों ने राजा शंकर शाह और उनके पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह ने तोप से बांधकर उड़ा दिया था। उइके ने संग्रहालय के समीप गोंडवाना चौक जाकर राजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथशाह की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण कर देश और धर्म की रक्षा के लिये अपने प्राण न्यौछावर करने वाले इन जनजातीय नायकों को नमन किया।
जनजातीय मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री ने संग्रहालय के निरीक्षण के दौरान सभी निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने में निर्देश दिये। उन्होंने बाद में सर्किट हाउस में अधिकारियों की बैठक लेकर संग्रहालय को गोंड शासकों के वैभव के अनुरूप भव्य स्वरूप प्रदान करने कई सुझाव भी दिये। उइके ने संग्राहालय में गोंड शासकों के सभी 52 गढ़ों के प्रतीक के तौर पर विजय स्तम्भ स्थापित करने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि संग्रहालय के प्रवेश द्वार को भी ऐसा स्वरूप दिया जाये ताकि यहाँ आने वाले लोगों को गोंड कालीन वैभव का अहसास हो। उइके ने संग्रहालय में गोंड शासकों की विरासत को वर्तमान और भविष्य की दृष्टि से आधुनिक कलेवर में प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिये ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा यहाँ आयें, उनमें अपने वैभव को जानने का आकर्षण पैदा हो, अपनी संस्कृति, सभ्यता और परंपराओं से लगाव महसूस करें तथा अपने नायकों के शौर्य एवं पराक्रम पर उन्हें गर्व का अहसास उन्हें हो।
जनजातीय मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने बैठक में कहा कि राजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथशाह के संग्रहालय को भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिये नई दिल्ली में जल्दी ही अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे और जरूरत के मुताबिक प्रस्ताव तैयार कर आबंटन भी उपलब्ध कराया जायेगा।
ज्ञात हो कि 1857 की क्रांति के नायक तथा देश और धर्म की रक्षा के लिये अंग्रेजों से लड़ते हुये अपने प्राणों की आहुति देने वाले जनजातीय नायक राजा शंकरशाह एवं उनके पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदानों से भावी पीढी को अवगत कराने एल्गिन हॉस्पिटल के सामने बनाये जा रहे इस संग्रहालय और स्मारक की आधारशिला देश के गृह मंत्री अमित शाह ने वर्ष 2021 में 18 सितम्बर को अपने जबलपुर प्रवास के दौरान राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर आयोजित समारोह में रखी थी। गैरीसन ग्राउंड में आयोजित इस समारोह में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे।
गोंडवाना साम्राज्य के शासक राजा शंकरशाह और उनके सुपुत्र कुंवर रघुनाथ शाह द्वारा देश की आजादी की अलख जगाने किये बलिदानों और उनकी वीर गाथाओं को संजोकर रखने बनाये जा रहे इस संग्रहालय के प्रथम चरण का कार्य पूरा हो चुका है। प्रथम चरण में इस संग्रहालय में पांच गैलरियां बनाई गई हैं। ये दीर्घायें गोंडवाना जनजाति, स्वतंत्रता की गूंज: 1857 का विद्रोह, राजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथ शाह का बलिदान, 52वीं रेजीमेंट का इतिहास तथा रानी फुलकुंवर एवं मानकुंवर बाई की कहानियों पर केन्द्रित हैं। इन गैलरियों में राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह से जुड़े इन वृत्तान्तों को अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर आडियो-वीडियो के माध्यम से इस संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया है। दूसरे चरण में संग्रहालय में लैंडस्केपिंग और इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य किया जा रहा है। जबकि तीसरे चरण में संग्रहालय का विस्तार किया जायेगा और यहाँ सभी गोंड राजाओं के इतिहास और उनसे जुड़ी स्मृतियों को प्रदर्शित किया जायेगा। तीसरे चरण में संग्रहालय में पुस्तकालय और कैफेटेरिया का निर्माण भी किया जायेगा। केंद्रीय राज्य मंत्री उइके ने संग्रहालय में जनजातीय क्षेत्र के विशिष्ट उत्पादों के प्रदर्शन और विक्रय के लिये स्थान चिन्हित करने के निर्देश भी निरीक्षण के दौरान दिये।