राज्यसभा में मंगलवार को भी संविधान पर चर्चा हुई. पक्ष-विपक्ष की ओर से कई नेताओं ने अपनी बात रखी. अंत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी संविधान पर अपनी बात रखी. शाह ने अनुच्छेद 370 से लेकर आरक्षण और ईवीएम तक के मुद्दे को लेकर विपक्ष पर खासकर कांग्रेस पर हमला बोला. शाह ने सदन में यह भी बताया कि देश में कांग्रेस की सरकार में कितने बार संविधान संशोधन हुए थे और बीजेपी की सरकार में कितनी बार हुए हैं. इसके अलावा उन्होंने इमरजेंसी को लेकर भी कांग्रेस पर हमला बोला.
शाह ने आगे कहा कि कोई यह न समझे कि हमारा संविधान अन्य देशों के संविधान की नकल है, हमने अन्य संविधानों से अच्छी बातें ली हैं, पर अपनी परंपराओं को नहीं छोड़ा. संविधान ने लोकतंत्र की जड़ें मजबूत कीं, रक्त की एक बूंद गिरे बिना सत्ता का हस्तांतरण हुआ. यदि ‘इंडिया’ के चश्मे से भारत को देखोगे तो देश कभी समझ नहीं आएगा. जब तक संसद में भारतीय जनता पार्टी का एक भी सांसद रहेगा, हम धर्म के आधार पर आरक्षण लागू नहीं होने देंगे.
राज्यसभा में अमित शाह के भाषण की बड़ी बातें-
शाह ने कहा कि कई राजनीतिक पार्टियों ने देश की आजादी के समय कहा था कि इस देश में लोकतंत्र में सफल नहीं होगा. सरदार पटेल का मै धन्यवाद करना चाहता हूं कि उनके अथक परिश्रम के कारण इस देश में पाताल की गहराई तक लोकतंत्र स्थापित हुआ है.
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि जो कहते थे कि हम आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं हो पाएंगे, आज ब्रिटेन भी अर्थतंत्र की तालिका में हमारे पीछे खड़ा है. चर्चा के दौरान हमारे एक सदस्य ने कहा कि चर्चा का स्तर इतना नीचे गिर गया है कि चित्रों पर भी चर्चा हो रही है.
पढ़ने का चश्मा अगर विदेशी है तो संविधान में भारतीयता कभी दिखाई नहीं देगी, चित्र के बगैर संविधान अधूरा है. 75 साल हो गए संविधान को हमारे राजनीतिक दलों ने किस प्रकार से आगे बढ़ाया तो इस पर भी चर्चा जरूरी है.
बीजेपी ने 22 बार तो कांग्रेस ने 77 बार संविधान संशोधन किया
बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कोई संविधान कितना भी अच्छा हो वह बूढ़ा हो सकता है अगर उसे चलने की जिम्मेदारी जिन पर हो वो अच्छे से न चलाएं. समय के साथ साथ कानून भी बदलना चाहिए. समय के साथ समाज को भी बदलना चाहिए.
कुछ राजनेता 54 साल की उम्र में खुद को युवा कहते हैं और कहते हैं कि संविधान बदल देंगे. उनको बताना चाहता हूं कि संविधान में ही संशोधन का प्रावधान है. बीजेपी ने 16 साल राज किया और 22 बार संविधान में संशोधन किया. कांग्रेस ने 55 साल राज किया और 77 बार संशोधन किया.
अभिव्यक्ति की आजादी को कर्टेल करने के लिए संविधान संशोधन नंबर 1 लाया गया था और वो जवाहर लाल नेहरू की सरकार के समय लाया गया था. संविधान संशोधन नंबर 24 इंदिरा गांधी के समय लाया गया था. लोगों के मूल अधिकारों में परिवर्तन के लिए 10 अगस्त 1975 को 49वां संविधान संशोधन लाया गया था, इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध करार किया गया.
आज ये EVM को लेकर घूमते हैं कि EVM ने हरा दिया. महाराष्ट्र में EVM खराब है और झारखंड में झट से जाकर नए कपड़े लेकर शपथ ले ली. पिछड़ी जातियों का ध्यान कभी कांग्रेस ने नहीं किया, नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें उनका हक देने के लिए संविधान में संशोधन किया.
कांग्रेस ने आरिफ मोहम्मद खान से साथ कैसा व्यवहार किया सभी जानते हैं
140 करोड़ की जनसंख्या में पिछड़ेपन के मूल्यांकन का अधिकार राज्य को देने का संशोधन किया. नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए संशोधन किया. ट्रिपल तलाक समाप्त करने का कानून लाए, वोटबैंक की राजनीति करके मुस्लिम बहनों के साथ अन्याय का काम इतने सालों तक कांग्रेस ने किया.
ट्रिपल तलाक समाप्त हुआ अब कोई नहीं कह रहा है कि अच्छा हुआ है. आरिफ मोहम्मद खान ने कहा था शाहबानो को मुआवजा देना चाहिए. इसके बाद उनका सांसद पद भी गया और मंत्री पद चला गया. पहली शिक्षा नीति आई है जिसका विरोध कम्युनिस्ट पार्टी भी नहीं कर पाई.
इन चुनाव में अजीब नजारा दिखा, किसी ने आज तक संविधान को यूं हाथ में लहराया नहीं. ये कुत्सित प्रयास कांग्रेस पार्टी ने किया. संविधान लहराने के लिए नहीं है. लोकसभा में तो किसी को मालूम नहीं पड़ा जागरूकता थी. महाराष्ट्र में एक पत्रकार के हाथ में संविधान की कॉपी आ गई तो अंदर कुछ लिखा ही नहीं था. प्रिएंबल भी नहीं था. इतना बड़ा छल तो मेरे जीवन मैने कभी नहीं देखा.
इमरजेंसी को लेकर शाह ने सुनाई एक कविता
निरेन डे 11 साल तक अटॉर्नी जनरल रहे. किसी को यस सर कहने की जरूरत नहीं पड़ी. नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस मनाने को कहा तो एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि क्या जरूरत है 26 जनवरी तो है. मैं इमरजेंसी पर ज्यादा नहीं बोलना चाहता लेकिन दुष्यंत कुमार की कविता इंदिरा गांधी को समर्पित है.
एक गुड़िया की कई कठपुतलियों में जान है आज शायर ये तमाशा देखकर हैरान है कल नुमाइश में मिला वो चीथड़े हाल कपड़े पहने हुए मैंने उसका नाम पूछा तुम कौन हो तो उसने कहा मै संविधान हूं
हमारे सुरक्षाबलों के जवान जो देश की एक इंच भूमि के लिए जान देने को तैयार हैं. कच्चा तिवू टापू अचानक ही एक एग्रीमेंट करके लंका को दे दिया गया. ऐसा खिलवाड़ संविधान के साथ शासकों ने नहीं किया. जो संविधान की दुहाई देते हैं उनसे पूछना चाहता हूं 35A जब लाया गया तो कहां लाया गया, कहां चर्चा हुई?
पार्टी को तो निजी परिवार की जागीर समझते हो, संविधान को भी निजी जागीर समझते हो, कुछ नेताओं को आरक्षण में चुनाव जीतने का फार्मूला दिखा. आरक्षण कोई नया विचार नहीं है. कांग्रेस पार्टी आरक्षण विरोधी पार्टी है, उनकी कथनी और करनी दोनों में अंतर है.
काका साहेब कालेलकर कमीशन की रिपोर्ट कहां है?
ओबीसी को आरक्षण देने के लिए 1955 में काका साहेब कालेलकर कमीशन बना, इसकी रिपोर्ट कहां है? इसका रिकॉर्ड कहीं नहीं है. कोई भी रिपोर्ट आती है तो उसको संसद में लाना होता है. इन्होंने संसद में लाने के बजाय लाइब्रेरी में रख दिया.ओबीसी का आरक्षण लाइब्रेरी में रख दिया.
अगर काका साहेब कालेलकर का रिपोर्ट स्वीकार कर लेते तो मंडल कमीशन की रिपोर्ट की जरूरत ही नहीं पड़ती. मंडल कमीशन की रिपोर्ट को जब स्वीकार किया गया तो लोकसभा मे विपक्ष के नेता थे राजीव गांधी. आरक्षण के विरोध में सबसे लंबी स्पीच उन्ही की थी.
UCC इसलिए नहीं आया क्योंकि पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू मुस्लिम पर्सनल लॉ लेकर आए. मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूं कि क्या आप मुस्लिम पर्सनल लॉ का समर्थन करते हैं.. ये हिंदू कोड बिल भी लाए. इसमें हिंदुओं की एक भी परंपरा का प्रावधान नहीं है. हिंदुओं को बुरा न लगे बस इसलिए हिन्दू कोड बिल लाए.
शाह बोले- क्रमिनल लॉ में शरिया क्यों नहीं शामिल किया
अगर पर्सनल लॉ का समर्थन करते हो तो क्रिमिनल लॉ में क्यों शरिया नहीं लागू करते. उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार UCC लाई है. दिग्विजय सिंह कहते हैं कौन रोकता है. हमारा तरीका है कि लोकतांत्रिक तरीके से काम किया जाए.
अंबेडकर जी को देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों देना पड़ा था क्योंकि उन्होंने कहा कि सरकार की विदेश नीति और आर्टिकल 370 से मै असहमत हूं तब नेहरू जी ने कहा था अम्बेडकर के जाने से मंत्रिमंडल पर कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा.
देश के दो राज्यों में धर्म के आधार पर आरक्षण दिया जाता है जो कि गैर संवैधानिक है. वो ओबीसी को आरक्षण नहीं देना चाहते 50 फीसदी की सीमा बढ़ाकर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं. जब तक हम हैं धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देने देंगे.
370 हटाने से आपकी तुष्टिकरण की दुकान बंद हो गई है. 370 हटाने के लिए लोहे का जिगर चाहिए. इसी सदन में 370 और 35A को समाप्त किया गया. इसी संसद में कहते थे खून की नदियां बह जाएंगी. खून की नदियां छोड़ो एक कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं हुई.
इंदिरा ने सावरकर को महान व्यक्ति बताया था-शाह
कांग्रेस के एक वरिष्ठ सदस्य ने सावरकर के लिए जो शब्द कहे उसे मैंदोहरा नहीं सकता. उनके नाम के आगे वीर ऐसे ही लगा है. बिना जानकारी के लगातार कई सालों से झूठ फैलाया जाता रहा है. 1857 से लेकर 1947 तक के स्वतंत्रता संग्राम में किसी भी व्यक्ति को एक जीवनकाल में दो कारावास हुए हैं तो वो वीर सावरकर थे.
ऐसे व्यक्ति के लिए इस तरह से सार्वजनिक रूप से चर्चा करते हैं. क्या देशभक्ति किसी विचारधारा से जुड़ी हो सकती है हमारी न मानो लेकिन इंदिरा जी ने 1966 में उनके निधन पर कहा सावरकर एक महान व्यक्ति थे उनका साहस देशभक्ति का पर्याय है.
एक गरीब चायवाले का बेटा राजनीति में आता है और तुष्टिकरण को नहीं मानता है और देश का प्रधानमंत्री बनता है. तुष्टिकरण भ्रष्टाचार और परिवारवाद को छोड़ दो चुनाव जीत जाओगे. कोई कमेटी बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. मोहब्बत की दुकान के बहुत नारे मैने सुने. मेरा उनको कहना है मोहब्बत दुकान में बेचने की चीज नहीं है.