ईटानगर। केंद्र सरकार ने ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ (वीवीपी) के तहत अरुणाचल प्रदेश में 1022 किलोमीटर लंबी सड़कों के निर्माण को मंजूरी दी है जिससे राज्य के दूर-दराज के इलाकों तक संपर्क सुनिश्चित होगा। राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
गृह मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ सीमा पर 2,205.19 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कुल 105 सड़क परियोजनाओं को वीवीपी के तहत मंजूरी दी है। वीवीपी केंद्र सरकार की योजना है जिसका मकसद सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित चयनित गांवों का समग्र विकास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मंजूरी से अंतिम छोर तक संपर्क कायम करने में मदद मिलेगी।
खांडू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत 2023-24 के लिए 1022.36 किमी लंबी सड़कों के निर्माण के लिए मंजूरी देने के ऐतिहासिक निर्णय की खातिर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को मेरा आभार।’’ उन्होंने आगे लिखा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों तक संपर्क सुनिश्चित करने में इसकी अहम भूमिका होगी और इससे सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले हमारे लोगों का जीवन उल्लेखनीय रूप से सुगम होगा। बहुत-बहुत धन्यवाद।”
खांडू ने कहा कि वीवीपी के तहत कुल 105 सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है और सड़कों की कुल लंबाई 1,022.36 किमी है जिस पर कुल लागत 2,205.19 करोड़ रुपये आएगी। इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 1,984.67 करोड़ रुपये और राज्य का हिस्सा 220.51 करोड़ रुपये होगा। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण की औसत लागत 215.69 लाख रुपये प्रति किलोमीटर होगी।