देश का दुर्भाग्य,अब किसानो पर हो रही फायरिंग

ऐसी घटनाए लोक तंत्र के लिए खतरे की घण्टी

अमेठी। भारत मे किसानो ने अपने हक का लड़ाई के अन्दोलन कर रहे। लेकिन किसान की आवाज सुनने को सरकार राजी नही हुई।देश की राजधानी के समीप शम्भू बार्डर पर किसान आपनी मांगो के लिए अन्दोलित रहे। लेकिन सरकार ने किसानो के ऊपर आसू गैस के गोले दागे,प्लास्टिक की गोलिया चलायी। धरनास्थल पर धुआ ही धुआ छा गया। भगदड मच गयी। गोली मारकर सैकड़ो किसान नेताओ को घायल किया गया। जिसमे एक किसान नेता का हालत नाजुक है। दो किसान नेताओ को गम्भीर चोटे आयी। सैकड़ो किसान नेताओ जख्मी हुई।

भारतीय किसान यूनियन जिलाध्यक्ष चुन्नू सिंह का कहना है कि सरकार अब किसानो के साथ अन्याय कर रही है। किसान की आवाज को दबाया जा रहा है। घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। प्रजातंत्र खतरे मे है।
कांग्रेस किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश द्विवेदी का कहना है कि किसान बिरोधी सरकार करार दिया। लोक तंत्र अब देश मे नही रहा। किसान की समस्याओ को सुनने के बजाय कुचला जा रहा है। सरकार जनहित की अनदेखी कर रही है। दुनिया के सबसे बडे प्रजातंत्र को खतरा है। लोक तंत्र की रक्षा की जाए। अन्नदाता देश मे त्राहिमम त्राहिमम कर रहे है।
आम आदमी पार्टी जिलाध्यक्ष हरि शंकर जायसवाल का कहना है कि ऐसी घटनाए घटित होना देश हित मे नही है। लोक तंत्र को कुचला जा रहा है। ऐसी घटनाए घटित होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रोफेसर डा अर्जुन पाण्डेय का कहना है कि किसान के सरकार छलवा कर रही है। किसान वैसे भी खस्ताहाल है। लोक तंत्र के लिए हित कारी नही है। ऐसी घटनाए सोचनीय है।
युवा सपा नेता जयसिंह प्रताप यादव का कहना है कि किसान के ऊपर गोली चलाना सरकार का पतन है। सरकार कुरुर हो गया। किसान की बात नही सुनी जा रही है। कितनी शर्मनाक बात है। भाजपा को किसान बिरोधी करार दिया।

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