दो व्यक्ति, एक बैंक और एक खाता, एक पैसे जमा करता रहा.. दूसरा उन पैसों को निकलता रहा…

सागर. दो व्यक्ति, एक बैंक और एक खाता, एक पैसे जमा करता रहा.. दूसरा उन पैसों को निकलता रहा… यह अजब गजब और हैरान कर देने वाला मामला बुंदेलखंड के सागर जिले के सामने आया है. जहां पंजाब नेशनल बैंक के द्वारा एक अकाउंट नंबर को दो एक जैसे नाम वाले व्यक्तियों के लिए जारी कर दिया गया था. जिसके पैसे निकाले उसने बैंक से शिकायत की तो निराकरण करने की बजाय उसके खाते को ही सीज कर दिया गया. शहर की कटरा में स्थित पीएनबी ब्रांच के कर्मचारियों के द्वारा यह कारनामा किया गया है.

पंजाब नेशनल बैंक द्वारा एक ही खाता नंबर दो व्यक्तियों को जारी करने के मामले को जिला उपभोक्ता आयोग ने घोर आपत्तिजनक मानते हुए क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय के साथ बैंक खाते से निकाली गई राशि जमा करने के आदेश दिए हैं.

एक ने पैसे जमा कराए दूसरा खाते से निकलता रहा
संत रविदास वार्ड निवासी परिवादी मुन्नालाल ठाकुर पेशे से मजदूर एवं गरीब व्यक्ति है, उन्होने बचत खाता क्रमांक 0420001700030232 वर्ष 2015 को खुलवाया था. बैंक ने परिवादी को इस खाता की पासबुक जारी की थी, इसके बाद वह बैंक से लेनदेन करता रहा लेकिन जब मई 2022 में पीएम आवास की उसकी 1लाख की राशि आई और उसने 45000 निकाले. फिर तीन दिन बाद उसके मैसेज पर एटीएम से चार बार में 40000 रुपए निकालने के मैसेज प्राप्त हुए यह देखते ही वह बैंक पहुंच गया क्योंकि मुन्नालाल ने कभी एटीएम बनवाया ही नहीं था तो फिर पैसे निकालने का सवाल ही नहीं बनता था इसी को लेकर जब बैंक के कर्मचारियों से बातचीत कर रहा था तो तब एक दूसरा मुन्नालाल नाम का व्यक्ति वहां पहुंचा और भाई भी अपने खाते से निकासी की बात करने लगा फिर जब पासबुक देखी गई तो बैंक को अपनी गलती का पता चला की एक अकाउंट नंबर दो लोगों के लिए जारी कर दिया गया है इसके बाद भी टाल मटोल करते रहे जब मुन्नालाल ठाकुर ने बैंक से शिकायत की किंतु बैंक ने निराकरण नहीं किया, उल्टा खाता ही सीज कर दिया.

जिला उपभोक्ता आयोग ने मानी बैंक की बड़ी गलती
यह सब से परेशान होकर मुन्नालाल ने कोर्ट का सहारा लिया औरअपने अधिवक्ता पवन नन्होरिया की मदद से कोर्ट में परिवाद दायर कर दिया मामले की पर भी करने वाले अधिवक्ता पवन नन्होरिया ने कहा कि जिला उपभोक्ता आयोग ने माना की बैंक की घोर लापरवाही है.मुन्नालाल को 13 हजार रुपए क्षतिपूर्ति एवं 2 हजार रुपए वाद व्यय के साथ बैंक को निर्देशित किया कि 3 दिन के भीतर उसका खाता संचालित करें और उसके बैंक खाते से निकली राशि जमा करें.

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