सच्ची भक्ति और समर्पण ही जीवन का सबसे बड़ा धर्म है- साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया

गोरखपुर। जय गणेश मित्र मंडल द्वारा गणपति महोत्सव पर भस्मा डवरपार में अयोजित श्रीमद भागवत कथा के द्वितीय दिवस का आयोजन भी अत्यंत भव्य और अद्भुत रहा। कथा व्यास प्रिय साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया जी ने अपनी मधुर वाणी और गहन आध्यात्मिक ज्ञान से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी कथा की सरलता, मृदुता और भावपूर्ण प्रस्तुति ने सभी के हृदयों को छू लिया और कथा स्थल पर एक विशेष आध्यात्मिक वातावरण निर्मित कर दिया।

दूसरे दिन की कथा में साध्वी जी ने भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उनके दिव्य लीलाओं का वर्णन करते हुए भक्ति, प्रेम, और धर्म के गूढ़ रहस्यों से अवगत कराया। उनकी वाणी से जैसे-जैसे कथा आगे बढ़ी, वैसे-वैसे श्रोताओं की आस्था और ध्यान में गहराई आती गई। कथा के दौरान उन्होंने जिस तरह से श्रीमद भागवत के श्लोकों और प्रसंगों को समझाया, वह सभी के लिए अत्यंत प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक रहा।

इस दिन की कथा में साध्वी जी ने जीवन के महत्वपूर्ण प्रश्नों—धर्म, कर्म और मोक्ष का ऐसा सरल और सहज उत्तर दिया कि हर कोई उनके शब्दों में गहनता से डूबता चला गया। श्रोताओं को भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में सराबोर कर दिया।

दूसरे दिन की कथा न केवल धार्मिक ज्ञान का प्रसार था, बल्कि यह श्रोताओं के लिए एक आत्मचिंतन और आंतरिक शांति का अवसर भी था। कथा के हर पल ने उन्हें अपने जीवन के उद्देश्य पर विचार करने के लिए प्रेरित किया और उन्हें यह समझने में मदद की कि सच्ची भक्ति और समर्पण ही जीवन का सबसे बड़ा धर्म है।

विदित हो कि आठ वर्षीय साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया धरा धाम प्रमुख सौहार्द शिरोमणि संत डाॅ. सौरभ पाण्डेय एवं डाॅ. रागिनी पाण्डेय की सुपुत्री हैं। इस अवसर पर प्रमुख रूप से डाॅ. सौरभ पाण्डेय, बृजेश मणि त्रिपाठी, डाॅ. विनय श्रीवास्तव, गौतम पाण्डेय, रत्नाकर त्रिपाठी, कृपा शंकर राय, प्रमोद कुमार गुप्ता, सतीश यादव, दीपक पाण्डेय, डाॅ. रागिनी पाण्डेय, सुभाष पाण्डेय, कौशल किशोर नादान, राकेश मद्धेशिया, सोनू पाण्डेय, लक्ष्मी शंकर, विशाल दुबे, बाल भक्त सौराष्ट्र, रवि दुबे, गुलाब पाण्डेय, गोविंद पाण्डेय आदि श्रद्धालुओं ने भागवत कथा रस का पान किया।

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