जौनपुर। पत्नी को मारपीट कर घर से निकालने के बाद दीवानी न्यायालय में चल रहे भरण-पोषण के मुकदमे में वसूली वारंट जारी होने पर पति ने तीन तलाक दे दिया। पीड़िता की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर पति के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। एफआईआर की कॉपी शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट में प्रस्तुत की गई।
यास्मीन बानो निवासी बल्लोच टोला सदर कोतवाली ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र दिया कि उसकी शादी 28 नवंबर 2015 को सिकंदर निवासी बल्लोच टोला के साथ हुई थी। शादी के बाद पति व ससुराल वाले दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। दो फरवरी 2019 को ससुराल वालों ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया, जिसका मुकदमा दीवानी न्यायालय में लंबित है।
तीन तलाक देकर रिश्ता किया खत्म
भरण-पोषण के मुकदमे में न्यायालय द्वारा वादिनी के पक्ष में निर्णय दिया गया। लेकिन पति ने भरण-पोषण नहीं दिया, कोर्ट ने भरण-पोषण की धनराशि की वसूली के लिए पति सिकंदर के खिलाफ वसूली वारंट जारी किया। इससे नाराज होकर सिकंदर ने 21 जुलाई 2024 को गालियां व जान से मारने की धमकी दी। जब वादिनी ने फोन पर बात किया तो सिकंदर ने वादिनी को एक साथ बोलकर तीन तलाक दे दिया। इसकी रिकॉर्डिंग मौजूद है।
एसपी के आदेश पर केस दर्ज
वादिनी ने घटना की सूचना कोतवाली जाकर पुलिस को दी। सिपाह चौकी का दारोगा सिकंदर के घर गए, लेकिन वह नहीं मिला। वादिनी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। वादिनी के प्रार्थना पत्र पर पुलिस अधीक्षक ने कोतवाल को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।