थाना रिसिया में बुज़ुर्ग शमसुन को देख डीएम व एसपी की छलकी मानवीय संवेदना
महिला आरक्षी के साथ वाहन से बुज़ुर्ग महिला को सम्मान के साथ भेजा घर
शमसुन को शीघ्र मिलेगी वृद्धावस्था पेंशन, आंखों का होगा आपरेशन
बहराइच । जन समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए प्रत्येक माह के द्वितीय एवं चतुर्थ शनिवार को आयोजित होने वाले थाना समाधान दिवसों का जायजा लेने के उद्देश्य से जिलाधिकारी मोनिका रानी व पुलिस अधीक्षक बृन्दा शुक्ला ने थाना रिसिया व थाना कोतवाली देहात का निरीक्षण कर मौजूद फरियादियों की समस्याओं की सुनवाई करते हुए समयबद्धता के साथ गुणवत्तापरक निस्तारण कराए जाने के निर्देश दिए गए।
थाना रिसिया के निरीक्षण के दौरान डीएम व एसपी ने देखा की एक बुज़ुर्ग महिला एक बच्चे के साथ अन्तिम पंक्ति में बैठी हुई अपनी बारी का इन्तज़ार कर रही है। डीएम ने तत्काल बुज़ुर्ग महिला को अपने पास बुलाकर पूछा कि अम्मा आपकी क्या समस्या है। यह सवाल सुनते ही बुज़ुर्ग महिला की जबान खुलने से पहले की आंखें नम हो गयी। आंचल से आंख पोंछते हुए उसने बताया कि साहब मेरा नाम शमशुन है मैं ग्राम गुरचाही मौजा बलभद्दरपुर की निवासी हूॅ। मेरे पति का कुछ वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो गया है। मेरे 03 बेटे है जो सभी शादी शुदा हैं। उसे सरकार या समाज से कोई दुख नहीं है। बल्कि उसके बेटे और बहू उसका बोझ उठाने से इंकार कर रहे है और घर से निकालने पर आमादा हैं।
शमसुन ने यह भी बताया कि मोतियाबिन्द होने के कारण उसे ठीक प्रकार से दिखायी भी नहीं देता है। पोते के सहारे ही उसका घर से बाहर निकलना हो पाता है। बेटी की उम्र की महिला अधिकारियों को सामने देख बुज़ुर्ग महिला ने बताया कि बेटे के जवान होने पर खून के रिश्तों से बहुओं को लाने का यही मकसद था कि बुढ़ापे मे बहुएं सास मानकर न सही, मौसी व बुआ समझ कर उसके आगे दो जून रोटी ज़रूर परोस देंगी। लेकिन समय का ऐसा परिवर्तन हुआ कि पति की आंख बन्द होते ही बेटो व बहुओं ने उसकी ओर से मुंह मोड़ लिया।
बुजुर्ग महिला ने डीएम व एसपी से यही फरियाद की कि उसके परिवार को इस बात के लिए पाबन्द कर दिया जाय कि उम्र के अन्तिम पढ़ाव पर उसको इज्ज़त के साथ दो जून की रोटी देते रहें। बुजुर्ग महिला की आप बीती सुनकर डीएम व एसपी ने संवेदनशीलता की मिसाल पेश करते हुए तत्काल थाने की गाड़ी पर बुज़ुर्ग महिला को बिठाया तथा एक सब इंस्पेक्टर व महिला आरक्षी के साथ उसे सम्ममान के साथ घर रवाना करते हुए एसआई को निर्देश दिया कि बेटे को इस बात की ताकीद करें कि वे अम्मा का पूरा ख्याल रखें। साथ ही डीएम ने थानाध्यक्ष को निर्देश दिया कि एक महिला आरक्षी को नामित कर दें जो नियमित अन्तराल पर बुज़ुर्ग महिला के घर जाकर हाल-चाल लेती रहे।