टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र में नहीं थम रहा मछलियों का अवैध रूप से शिकार

शिकारियो ने अवैध से मारी गई मछलियों को पड़ोसी राज्य उत्तराखंड की बाजारों में शुरु किया बेचना

पीलीभीत। रेंजर की मिलीभगत से शुक्ला फांटा सेंचुरी व सीमावर्ती टाइगर रिजर्व से मछलियों का अवैध शिकार बंद नहीं हो पा रहा है। तस्करों ने अब अपना पैंतरा बदलते हुए मारी गई मछलियों को टाइगर रिजर्व के लग्गाबग्गा क्षेत्र से मायापुरी घाट होकर उत्तराखंड,रमनगरा,गभीया सहरॉय बाजारों ले जाना शुरू कर दिया है।टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र में प्रतिबंध के बावजूद सांठगांठ के चलते शिकारी श्रीकांत सरकार,अमल मिस्त्री, परिमल बैरागी, विवेक मिस्त्री सहित अन्य ठेकेदार मछलियों का जमकर अवैध शिकार कर रहे हैं। शिकारियों ने इसका दायरा बढ़ाते हुए सीमा से सटी शुक्ला फांटा सेंचुरी में भी अवैध शिकार शुरू कर दिया था। मारी गई मछलियां रामनगरा सहित अन्य जगह भेजी जा रही हैं। अब मछलियों के शिकार के बाद धंधे से जुड़े लोगों ने शारदा पार ही बर्फ भेजकर मछलियों को पेटियों में रखवाकर टाइगर रिजर्व के सुरक्षित लग्गा भग्गा क्षेत्र से शारदा नदी के मायापुरी घाट से होकर उत्तराखंड के खटीमा व रुद्रपुर, किच्छा सहित अन्य जगहों पर ले कर बेचना शुरु कर कर दिया है। हालांकि इस मामले में वन विभाग सतर्क नही दिख रहा हैं। दरअसल इन दिनों प्रजनन काल होने के चलते जलाशयों में मछली मारने पर प्रतिबंध रहता है। इस कारण मछलियों के दाम बढ़ जाते हैं। शिकारियों ने भी इसी का फायदा उठाना शुरू किया है। यही नहीं शिकारी डैम में भी अवैध शिकार कर रहे हैं। हालांकि टाइगर रिजर्व से अवैध शिकार करना गैरकानूनी है। सूत्र बताते हैं कि वन क्षेत्राधिकारी की मिलीभगत से यह कार्य लगातार किया जा रहा हैं। वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने अवैध रूप से शिकार पर पूरी तरह से प्रतिबंध करने के निर्देश दिए हैं।

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