शिव और शक्तियों का यह अदभुत महामिलन :ब्रह्माकुमारी सुमन

सोनभद्र। शुक्रवार को महाशिवरात्रि और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का अद्भुत संयोग भारतीय सनातन संस्कृति के अभ्युदय के लिए मंगलकारी संकेत है। शिव और शक्तियों का यह महामिलन भारत में आदि सनातन दैवीय संस्कृति की पुनर्स्थापना का ध्वजवाहक बनेगा। ब्रह्माकुमारीज संस्था नारियों के आध्यात्मिक सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण है । विश्व के 140 देशो में फैले हुए 8500 से भी अधिक सेवाकेंद्रो के माध्यम से मानवता की सेवा का संचालन और प्रशासन ब्रह्माकुमारीज बहनों के द्वारा ही होता है । उक्त बातें ब्रह्माकुमारी संस्था के विकास नगर स्थित सेवाकेंद्र पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित महिला सम्मेलन “आध्यात्मिक शक्ति द्वारा महिला सशक्तिकरण” विषय पर बोलते हुए सेवाकेंद्र की मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी सुमन बहन ने कहीं। इस अवसर पर अपने संबोधन में जनपद की शुविख्यात कवयित्री स डॉ० रचना तिवारी ने कहा की नई स्वयं में सशक्त है ,आवश्यकता केवल अपने तेजस्वी स्वरूप को पहचानने की है। नारी पारिवारिक और मानवीय मूल्यों की संरक्षिका होती है। भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष पुष्पा सिंह ने इस सम्मेलन में अपना सब विचार व्यक्त करते हुए कहा की नारियों को मानसिक बंधनों से मुक्त होकर आत्मनिर्भर और सशक्त बनने की ओर कदम बढ़ाने की आवश्यकता है। वर्तमान समय में समाज और सरकार का दृष्टिकोण नारियों के सशक्तिकरण के प्रति बहुत ही सकारात्मक है। कनकलता, अध्यक्षा दृष्टिकोण सेवा समिति एन०जी०ओ० ने महिला सशक्तिकरण के संबंध में कहा कि मैं अपने संस्था के माध्यम से नारियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं । सुविख्यात महिला चिकित्सक डॉ०अनुपमा सिंह ने महिला सशक्तिकरण के संबंध में अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि आध्यात्म से स्वयं को और परमात्मा के सत्य स्वरूप की पहचान होने से ही उनके जीवन का सशक्तिकरण हुआ है। इस अवसर पर रूबी प्रसाद ,अध्यक्ष ,नगर पालिका परिषद,रॉबर्ट्सगंज ने कहा कि महिलाओं को सशक्तिकरण समय की मांग है और उनके द्वारा ही समाज को नई दिशा प्रदान की जा सकती है। सभी मंचसीन वक्ताओं का सनातन परम्परा के अनुसार आत्मस्मृति का प्रतीक तिलक, बैच तथा अंगवस्तम के द्वारा स्वागत किया गया। सम्मेलन का प्रारंभ दीप प्रज्वलित करके किया गया। इस अवसर पर एक भक्ति परंपरा पर आधारित नृत्यनाटिका शिव शंकर में अंतर की मनमोहक प्रस्तुति की गई । कु०रिद्धि ने स्वागत नृत्य तथा कुमारी प्रांजना तथा पलक ने भक्ति गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। नारद की भूमिका में कु०पूनम, गणेश कु० प्रियंका, शंकर कु० श्वेता, पार्वती कु०आस्था और देव,दीप तथा प्रियांशु ने देवियों के भक्तों की प्रभावशाली भूमिका का अभिनय किया।डॉ०बी०के०हरींद्र भाई जी ने मंच संचालन बहुत ही प्रभावशाली ढंग से किया। इस इस कार्यक्रम को सफल बनाने मे बी०के०प्रतिभा बहन, सीता बहन,सरोज बहन, कविता बहन, दीपशिखा बहन,प्रभा बहन शामिल थे।

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