नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती काशी गए थे। इसलिए इस एकादशी को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, रंगभरी एकादशी के दिन श्री हरि के संग भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-व्रत करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइए आपको बताते हैं रंगभरी एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
रंगभरी एकादशी डेट 2024 और शुभ मुहूर्त
रंगभरी एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, रंगभरी एकादशी तिथि का प्रारंभ 20 मार्च को रात 12 बजकर 21 मिनट से होगा और इसके अगले दिन 21 मार्च को सुबह 02 बजकर 22 मिनट पर तिथि समाप्त होगी। ऐसे में रंगभरी एकादशी व्रत 20 मार्च को किया जाएगा।
रंगभरी एकादशी पूजा विधि
रंगभरी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत भगवान शिव और माता पार्वती के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। अब विधिपूर्वक भगवान शिव का जलाभिषेक करें और मां पार्वती जी को सोलह श्रृंगार अर्पित करें। शिवलिंग पर गुलाल, चंदन और बेलपत्र समेत विशेष चीजें अर्पित करें। इसके पश्चात उनकी आरती करें और रंगभरी एकादशी कथा का पाठ करें। अब भोग लगाएं और सुख-शांति की प्रार्थना करें। अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें और खुद भी ग्रहण करें।