नई दिल्ली: देश के बड़े सरकारी बैंक यूको बैंक में बीते हफ्ते आई तकनीकी दिक्कत के बाद एक बार फिर वित्तीय कामों के लिए तेजी से बढ़ रहे डिजिटल यूज पर बहस छिड़ गई है. पिछले हफ्ते सरकारी बैंकों में से दिग्गज यूको बैंक में इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) के जरिए से कुछ लोगों के खातों में गलत तरीके से 820 करोड़ रुपये चले गए थे. इस पर अब वित्त मंत्रालय ने भी कदम उठाया है और सरकारी बैंकों को बड़े निर्देश दे दिए हैं.
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने दिया बैंकों को निर्देश
वित्त मंत्रालय ने यूको बैंक में हाल ही में हुई घटना को ध्यान में रखते हुए सरकारी बैंकों से अपने डिजिटल ऑपरेशन से जुटे सिस्टम और प्रोसेस की समीक्षा करने को कहा है. सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने बैंकों को सलाह दी है कि वे अपनी साइबर सेफ्टी की मजबूती की जांच करें और उसे मजबूत करने के उपाय करें. सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय की ओर से बैंकों को कड़ी निगरानी रखने और भविष्य के साइबर खतरों के लिए तैयार रहने की ताकीद की गई है.
फाइनेंस मिनिस्ट्री और आरबीआई करते रहते हैं अलर्ट
फाइनेंशियल सेक्टर में बढ़ते डिजिटलाइजेशन के बीच फाइनेंस मिनिस्ट्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) नियमित अंतराल पर बैंकों को इस बारे में जागरूक करते रहे हैं.आईएमपीएस प्लेटफॉर्म का संचालन नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) करता है. आईएमपीएस दो बैंकों के बीच इमीडिएट मनी ट्रांसफर वाला सिस्टम है जिसका आजकल जमकर इस्तेमाल हो रहा है.
यूको बैंक की गड़बड़ी से मच गया था हड़कंप
यूको बैंक ने शेयर बाजार को बताया है कि उसने सक्रियता से कदम उठाकर पेमेंट पाने वालों के खातों पर रोक लगा दी और 820 करोड़ रुपये में से 649 करोड़ रुपये की वसूली करने में कामयाब रहा. यह गलत ढंग से भेजी गई कुल रकम का करीब 79 फीसदी है. हालांकि यूको बैंक ने अभी तक यह साफ नहीं किया है कि यह टेक्निकल फॉल्ट मानवीय भूल की वजह से हुआ या ‘हैकिंग’ की कोशिशों के कारण ऐसा हुआ