नेपाल में शुक्रवार (03 नवंबर) रात आए भूकंप में 132 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हैं. अधिकारियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है. भूकंप का असर दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार समेत कई अन्य पड़ोसी राज्यों में देखने को मिला. इससे पहले 3 अक्टूबर और 15 अक्टूबर को दिल्ली और एनसीआर में तेज झटके महसूस किए गए थे. बता दें कि नेपाल में यह एक महीने के भीतर तीसरी बार भूकंप आया.
इसी बीच, एक भूकंप वैज्ञानिक ने चेतावनी दी है कि लोगों को सतर्क और तैयार रहने की जरुरत है. भूकंप जल्द ही फिर से दस्तक दे सकता है. वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के पूर्व भूकंपविज्ञानी अजय पॉल के अनुसार, शुक्रवार को भूकंप का केंद्र नेपाल के डोटी जिले में था, यह क्षेत्र 3 अक्टूबर को भी नेपाल में आए भूकंपों से भी प्रभावित हुआ था. उन्होंने दावा किया कि नेपाल में केंद्रीय बेल्ट को सक्रिय रूप से ऊर्जा जारी करने वाले क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है.
एक और बड़ा भूकंप आ सकता
इससे पहले भी कई वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि हिमालय क्षेत्र में कभी भी एक बड़ा भूकंप आ सकता है क्योंकि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट उत्तर की ओर बढ़ने पर यूरेशियन प्लेट के साथ संघर्ष कर रही है. वैज्ञानिकों का दावा है कि लगभग 40-50 मिलियन वर्ष पहले भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकराने के लिए हिंद महासागर से उत्तर की ओर बढ़ी तो हिमालय का निर्माण हुआ.
भूकंप की संभावना पैदा हो रही
विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालय पर दबाव संभवतः कई भूकंपों की संभावना को पैदा कर रहा है. एक्सपर्ट का अनुमान है कि आने वाले भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर आठ से अधिक हो सकती है. हालांकि, इस बात की सटीक भविष्यवाणी नहीं की गई है कि वास्तव में इतना बड़ा भूकंप कब आएगा.