मौसम विभाग ने शीत लहर को लेकर जारी की ये चेतावनी….

नई दिल्ली। देश भर में शीत लहर की शुरुआत हो गई है। अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रहने लगा है। दिसंबर के महीने में ही तापमान में गिरावट होने लगी है। इसके साथ ही ठंड ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया है। इसी बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि दिसंबर में देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। “दिसंबर 2023 के दौरान, देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है। मौसम विभाग की मानें तो दिसंबर 2023 में अधिकतम तापमान मध्य भारत और उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है।
जानें इस बार मौसम विभाग ने क्या जानकारी दी
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मध्य और उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में दिसंबर में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है, उन्होंने कहा कि अधिकांश हिस्सों के लिए न्यूनतम तापमान भी सामान्य से ऊपर रहने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि आगामी सर्दियों (दिसंबर से फरवरी 2024) के दौरान देश के उत्तर, उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर हिस्सों में शीत लहर की घटना सामान्य से नीचे रहने की संभावना है।

जानें क्यों अधिक रहेगा तापमान
जानकारी के लिए बता दें कि अल नीनो कारक के कारण इस सर्दी में सामान्य से अधिक तापमान की व्यापक उम्मीद थी। आईएमडी ने कहा कि 2023 में (अक्टूबर तक) वैश्विक औसत सतह के पास का तापमान 1850-1900 के औसत से लगभग 1.40 ‡ 0.12 डिग्री सेल्सियस अधिक था। अक्टूबर के आंकड़ों के आधार पर, यह लगभग तय है कि 2023 174 साल के रिकॉर्ड में सबसे गर्म वर्ष होगा। ये पिछले संयुक्त सबसे गर्म वर्षों, 2016 को 1850-1900 के औसत से 1.29 ‡ 0.12 डिग्री सेल्सियस ऊपर और 2020 1.2710 को पार कर जाएगा। आईएमडी ने कहा कि पिछले नौ साल, 2015-2023, रिकॉर्ड पर नौ सबसे गर्म साल होंगे।

जानें कब कम होगा अल नीनो?
मौसम एजेंसी ने आगे कहा कि अखिल भारतीय औसत तापमान 1901 के बाद से अगस्त, सितंबर और नवंबर के महीने और दक्षिण पश्चिम मानसून के मौसम में रिकॉर्ड उच्चतम मूल्य था और फरवरी 2023 में दूसरा सबसे अधिक तापमान था। आईएमडी के अनुसार, वसंत 2024 में उत्तरी गोलार्ध में अल नीनो का प्रभाव रहेगा, सर्दियों से लेकर वसंत तक इसकी संभावना धीरे-धीरे कम होती जाएगी और मई-जुलाई 2024 में ईएनएसओ-तटस्थ में परिवर्तन की उम्मीद है।

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