पितृ दोष। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष रहता है तो उसे अपने जीवन में कई परेशानियों से जूझना पड़ता है. पितृ दोष लगने के कई कारण होते हैं जिनमें से कुछ वजह ये भी हैं. हिंदू धर्म में पितरों का विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि परिवार के बड़े सदस्य मृत्योपरांत पितृ कहलाते हैं. किसी घर में पितृ दोष तब लगता है जब उस घर के पितृ नाराज हो जाते हैं. अक्सर अंतिम संस्कार में हुई गलतियां और किसी की असामयिक मृत्यु भी पितृ दोष का कारण बन जाती है. पितृ दोष को ना हटाया जाए तो यह पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है. यहां जानिए उन कारणों के बारे में जिनसे पितृ दोष लग सकता है. इन गलतियों को करने से बचा जाए तो परिवार पर पितृ दोष नहीं लगता है.
पितृ दोष कैसे लगता है
पितृ दोष कैसे लगता है यह जानने से पहले पितृ दोष के लक्षणों की पहचान करना जरूरी है. पितृ दोष लगने पर शादी में रुकावटें आ सकती हैं. इसके अतिरिक्त शादीशुदा जिंदगी की दिक्कतें बढ़ सकती हैं. दंपति का संतान सुख से वंचित रहना भी पितृ दोष के कारण हो सकता है. घर में नकारात्मकता फैलने, आर्थिक दिक्कतें होने और किसी सदस्य का बीमार रहना भी पितृ दोष के लक्षणों में शामिल है.
निम्न वो गलतियां हैं जिनसे पितृ दोष लगता है.
मृत्यु के पश्चात व्यक्ति का अंतिम संस्कार सही तरह से पूरे विधि-विधान से ना किया जाए तो पितृ दोष लग सकता है.
पितरों का श्राद्ध ना करने पर भी पितृ दोष लगता है.
पितरों का या घर के बड़े बुजुर्गों और माता-पिता का अपमान करने पर भी पितृ दोष लग सकता है.
नीम, बरगद या पीपल के पेड़ को काटने पर भी पितृ दोष लग सकता है.
जिन घरों में रोज-रोज कलेश होते हैं और कलह होती रहती है उन घरों में पितृ दोष लगने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
अशांत घर-परिवार में भी पितृ दोष लग सकता है.
पितृ दोष के उपाय
पितृ दोष से बचने के लिए मान्यतानुसार पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है.
घर में शाम के समय दीया जलाना भी शुभ माना जाता है. पितरों की पूजा और उनसे क्षमायाचना की जा सकती है.
पितरों का तर्पण और श्राद्ध किया जा सकता है.
निर्धन और निर्बल की मदद करने से पितृ प्रसन्न हो सकते हैं.