देवरिया। जिले में बुधवार की सुबह तेज हवा व गरज-चमक के साथ बारिश हुई। बारिश ने आम जन जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। वहीं, किसानों के लिए यह बारिश आफत साबित हुई। तेज हवा के झोंकों के साथ हुई बारिश से गेहूं की फसल पकने से पूर्व गिर गई। वहीं, तैयार सरसों की फसल और आम के बौर को भी काफी क्षति हुई है।
बेमौसम बारिश ने ईंट-भट्ठा संचालकों की भी कमर तोड़ दी है। पानी लगने से पाथ कर रखी गईं करीब करोड़ों रुपये की कच्ची ईंटें खराब हो गई हैं। वहीं, पूरे दिन हुई बारिश से शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें, बाजार कीचड़ से पट गए। लोगों को आवागमन में खासी दिक्कतें हुईं।
जिले में पूरे दिन तेज हवा के साथ बारिश होती रही। इससे किसानों की फसल को काफी क्षति पहुंची है। दलहन, तिलहन की फसल विशेष तौर पर प्रभावित हुई है। वहीं, गेहूं की फसल भी खेतों में गिर गई है। इससे पैदावार पर असर पड़ेगा। आम पर लगने वाले फल पर भी असर पड़ा है। किसान अपनी फसल को लेकर चिंतित हैं। वहीं, निचले इलाकों में पानी भर गया है।
बरहज कार्यालय के अनुसार पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहने और खराब मौसम के कारण चौराहों आदि जगहों पर सन्नाटा पसरा रहा।
सुबह करीब 10 बजे से हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई। कुछ देर बाद बारिश तेज हो गई। तेज हवा के साथ हुई बारिश से ठंड में इजाफा हो गया। बॉक्स में रखे गए गर्म कपड़े लोगों को बाहर निकालने पड़े। नगर के अलावा भलुअनी, मगहरा, करुअना, सोनाड़ी, गड़ेर, वीरपुर मिश्र, पैना, कपरवार, बरांव, देवपार आदि जगहों पर भी बारिश हुई। ईंट भट्ठा मालिकों को भी नुकसान पहुंचा है। शाम ढलते ही समय से पहले दुकानदार अपने प्रतिष्ठान बंद कर घर की ओर रुख कर लिए। मदन मिश्र, देवेश सिंह, ज्ञानेश्वर सिंह, अखिलेश सिंह, संदीप आदि का कहना है कि तेज हवा के बीच हुई बारिश से फसल गिर गई है।
सलेमपुर कार्यालय के अनुसार सुबह तेज हवा के साथ आई बारिश से गेहूं की फसल गिर गई है। खेत में लगी दलहन की फसल को नुकसान हुआ है। आम, लीची के बौर पर भी इसका असर दिख रहा है। बेमौसम हुई बारिश से गेहूं की पैदावार पर असर पड़ेगा। उधर, खेत में नमी होने से आलू की कोड़ाई भी प्रभावित हो गई है। वहीं, मौसम विभाग ने अगले कुछ दिन तक बारिश होने की संभावना व्यक्त की है। मंगलवार की रात से मौसम खराब होने लगा। बुधवार की सुबह से ही बूंदाबांदी शुरू हो गई। नौ बजे के करीब तेज हवा के साथ आंधी पानी शुरू हो गई।
इससे खेतों में लगी गेहूं की फसल गिर गई। सरसों, अरहर, मटर, चना पर लगे फूल टूट गए। इससे दलहन व तेलहन की उपज कम होने के कयास लगाए जा रहे हैं। लार ब्लाॅक के रामनगर के किसान हरिश्चंद्र यादव ने बताया कि मार्च महीने में तेज हवा के साथ बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। फसल गिरने से गेहूं की बालियां काली हो सकती हैं। पैदावार कम होगी। किसान जयराम कुशवाहा ने कहा कि बारिश कुछ सब्जी के पौधों के लिए लाभदायक है।
बुधवार की सुबह अचानक तेज हवा के साथ आई बारिश ने ठंड बढ़ा दी है। लोगों ने गर्म कपड़े रख दिए थे। लेकिन, ठंड बढ़ने के बाद लोग गर्म कपड़े पहने दिखे।
बारिश से सड़कों पर कीचड़ फैला हुआ है। सबसे अधिक परेशानी सब्जी मंडी में सब्जी की खरीदारी करने आए लोगों को हुई। कई लोग पैर फिसलने से गिर गए। उधर, लार बाईपास, मुख्य बाजार, पिपरा चौराहा के रास्ते गुजर रहे राहगीरों को काफी दुश्वारियां झेलनी पड़ीं। लार में रामजानकी मार्ग पर पेड़ गिरने से आवागमन बाधित रहा। मेहरौनाघाट कार्यालय के अनुसार क्षेत्र में तेज हवा के साथ जमकर बारिश हुई।
इससे गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई। वहीं, दलहन और तिलहन को भी नुकसान हुआ है। किसानों को अब उपज प्रभावित होने की आशंका सता रही है। वहीं, आगे भी मौसम साफ होने के आसार अभी नहीं दिख रहे हैं। अभी और बारिश की आशंका मौसम विभाग ने जताई है। किसानों ने कहा कि बेमौसम बारिश के चलते इस बार उत्पादन 20 प्रतिशत तक कम होना तय है। वहीं, आगे भी अगर बारिश होती रही तो गेहूं के दाने काले पड़ जाएंगे। इससे सरकारी केंद्रों पर विक्रय भी नहीं किया जा सकेगा।
देसही देवरिया व महुआडीह क्षेत्र में भी फसल गिरी
देवरिया। देसही देवरिया व महुआडीह क्षेत्र में बुधवार की सुबह आठ बजे से ही हल्की और मध्यम बारिश शुरू हो गई। तेज हवा और बारिश के चलते ज्यादातर खेतों में गेहूं की फसल जमीन पर गिर गई। गेहूं की बालियों में पानी पड़ने से फूल गिर गए। इससे दाने कम बनेंगे, जो बनेगा, वह भी पतला होगा। वहीं, बारिश से मसूर, आलू, प्याज, सरसों आदि फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। देसही देवरिया के अयोध्या सिंह, भूनर शर्मा, सेमरी से अमरजीत, पिपरा मदन गोपाल से रामज्ञान, इमिलिया से अशोक राव आदि किसानों ने बताया कि समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें।
कृषि वैज्ञानिक ओंकार नाथ दूबे ने बताया कि बेमौसम बारिश से दलहन, तिलहन, गेंहू, सब्जी, प्याज सहित किसानों की हर प्रकार की फसलों को क्षति पहुंची है। गेंहू में दाने कम बनेंगे, जो बनेंगे उनके भी पतले होने की आशंका है। किसान परेशान न हों। बारिश ज्यादा होने पर खेतों में पानी लग जाए तो उसे बाहर निकालने का प्रयास करें। बताया कि आम की बागवानी भी प्रभावित हुई है। किसी भी फसल पर किसी दवा आदि का छिड़काव न करें।
रबी की फसलों को हानि : डॉ. मांधाता
भाटपाररानी। मौसम में बुधवार को सुबह से ही अचानक परिवर्तन होने और तेज हवा व बारिश से ठंड लौट आई है। कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विज्ञान केंद्र मल्हना भाटपाररानी के प्रभारी डॉ. मांधाता सिंह ने बताया कि इस तरह के मौसम परिवर्तन और वर्षा से रबी की फसलों को काफी हानि पहुंचेगी। बताया कि रबी की मुख्य फसल गेहूं को काफी नुकसान पहुंचेगा।
बारिश और तेज हवा से जो गेहूं की फसल गिर गई हैं उनके दाने पतले और हल्के हो जाएंगे, जो नहीं गिरे हैं और उनके दानों में दूधा आ रहा है और मोटे हो रहे हैं, जिन्हें दूधा घोटना कहा जाता है, उन दानों के काले होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि तिलहन फसल सरसों, मसूर में कीड़े लगने की आशंका है। अरहर की फसल को काफी नुकसान पहुंचेगा। इससे उसकी फली में कीड़े लगने की आशंका है। दोनों की गुणवत्ता प्रभावित होगी। इसके अलावा लतर वाली ग्रीष्मकालीन सब्जियां आदि में कीड़े लगने की आशंका है। संवाद
बर्बाद फसल का मुआवजा दे सरकार : रणवीर
देवरिया। बुधवार को समाजवादी युवजन सभा के कार्यकर्ताओं की बैठक संगठन के जिलाध्यक्ष रणवीर यादव के नेतृत्व में दीवानी कचहरी रोड स्थित जिला कार्यालय में हुई। इसमें सरकार से असमय हुई भारी बारिश एवं आंधी से बर्बाद हुए फसलों का किसानों को तत्काल मुआवजा देने की मांग की गई। सयुस के जिलाध्यक्ष रणवीर यादव ने कहा कि असमय बारिश से किसानों के गेहूं, सरसों एवं अन्य फसलों को नुकसान हुआ है।
प्रदेश सरकार तत्काल प्रभावित किसानों को मुआवजा दे, जिससे उन्हें राहत मिल सके। मौके पर सूरज कुशवाहा, मनीष सिंह गौर, रामप्रीत यादव, विवेकरंजन, अंकित, शिवनाथ यादव, इमरान लारी, सन्नी प्रभात, रामबृक्ष राजभर, जितेश यादव, दिलीप गिरी, विनोद शर्मा, आरिफ अंसारी, यशवंत यादव, शुभम वर्मा आदि मौजूद रहे।