बाबा सिद्दीकी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किये गये दो आरोपियों के पास मिले 28 कारतूस, क्या कोई और भी था निशाने पर?

महाराष्ट्र के पूर्व राज्य मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है इनमें से एक आरोपी उत्तर प्रदेश के बहराई का रहने वाला है. वह 19 साल का है और उसका नाम धर्मराव राजेश कश्यप है. दूसरा आरोपी हरियाणा के कैथल का रहने वाला है. उसकी उम्र 23 साल है और उसका नाम गुरमेल बलजीत सिंह है सरकारी वकील ने कोर्ट ने दावा किया कि इन आरोपियों के पास 28 जिंदा कारतूस मिले हैं इससे यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या आरोपियों के निशाने पर बाबा सिद्दीकी के अलावा और कोई भी था?

इन दोनों आरोपियों का रविवार को मेडिकल परीक्षण किया गया इसके बाद उन्हें मुंबई की किला कोर्ट में पेश किया गया इस समय सरकारी वकील गौतम गायकवाड़ ने पुलिस के पक्ष में दलील दी आरोपी की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने बहस की

इस समय सरकारी वकील गौतम गायकवाड़ ने आरोपियों की 14 दिन की पुलिस हिरासत की मांग की साथ ही सरकारी वकील ने दलील दी कि आरोपी के पास से 28 कारतूस मिले थे इस दौरान आरोपियों के वकीलों ने भी बहस की लेकिन सरकारी वकीलों ने उस दलील को विफल करने की कोशिश की

आरोपियों के पास से मिले 28 जिंदा कारतूस
सरकारी वकील ने कोर्ट में बताया कि आरोपी के पास से 28 जिंदा कारतूस मिले हैं यह पता लगाना है कि क्या आरोपी इस हत्या के बाद चुप बैठने वाला था या फिर वह और किसकी हत्या करना चाहता था यह जांच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होनी है. हमें जांचने के लिए कई चीजें हैं. चुनाव नजदीक आ रहे हैं हम यह जांचना चाहते हैं कि क्या किसी और को निशाना बनाया जा रहा है? हम यह पता लगाना चाहते हैं कि आरोपियों को बंदूकें कौन मुहैया करा रहा है, उन्हें फंडिंग कौन कर रहा है?

सरकारी वकील ने कहा कि हमने फरार आरोपियों का पता लगाने के लिए 10-10 टीमें गठित की हैं सुनियोजित हत्याएं और रेकी का अभ्यास, हथियार प्रशिक्षण आदि स्पष्ट हैं. आरोपी साधारण नहीं हैं. उसने पूरी ट्रेनिंग के साथ योजनाबद्ध तरीके से इस हत्या को अंजाम दिया है यदि हमें यथासंभव अधिक से अधिक पुलिस हिरासत मिले, तो हम जांच को सही दिशा में ले जा सकते हैं

14 दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की
आरोपियों के वकील ने कहा कि जो घटना घटी वह दुर्भाग्यपूर्ण है उनके कई दुश्मन हो सकते हैं इस बीच, अभियोजन पक्ष ने अदालत में बिश्नोई गिरोह का जिक्र नहीं किया संबंधित मामले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच करायी जानी है इसलिए सरकारी वकील ने मांग की कि आरोपी को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा जाए

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