दक्षिण भारत के कई इलाके में बुधवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए

दक्षिण भारत के कई इलाके में बुधवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए. यही नहीं महाराष्ट्र में भी धरती हिली. सुबह 7 बजकर 27 मिनट पर लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए. राहत की बात ये रही कि इसमें जानमाल का नुकसान नहीं हुआ लोगों ने बताया कि 20 साल में पहली बार तेलंगाना में इतना तेज भूकंप था लेकिन उस दौर को कौन भूल सकता जब 30 साल पहले महाराष्ट्र के लातूर में भूकंप ने ऐसी तबाही मचाई थी जो इतिहास में दर्ज हो गई

30 सितंबर, 1993 को सुबह 3 बजकर 56 मिनट पर लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए थे. इसमें करीब 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी जबकि 30 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे घनी आबादी होने के कारण लातूर में तबाही ज्यादा हुई थी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.4 मापी गई थी कहा जाता है कि इस जलजले से पहले लातूर और उसके आसपास के इलाकों में 6 महीने में धरती 125 से ज्यादा बार हिली थी ये सबकुछ अगस्त 1992 से मार्च 1993 के बीच हुआ था

लातूर जिले का औसा तालुका और उस्मानाबाद का उमरगा तालुका भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए लोगों ने अपना सब कुछ खो दिया. इस भूकंप ने महाराष्ट्र को संकट में धकेल दिया था ऐसे में राज्य को देश-विदेश से मदद मिली महाराष्ट्र में आए भूकंप का जख्म अब भी हरा है आज भी जब इस भूकंप का जिक्र होता है तो रुह कांप उठती है

इतने गांव हुए थे तबाह
ना सिर्फ लातूर बल्कि आसपास के 12 जिलों के करीब 2 लाख 11 हजार मकान भी इस भूकंप में तबाह हो गए थे इस भूकंप में 52 गांव पूरी तरह से तहस-नहस हो गए थे

ऐसा माना जाता है कि जहां भूकंप का केंद्र था, उस जगह कभी एक बड़ा सा क्रेटर (ज्वालामुखी मुहाना) हुआ करता था जिस वक्त यह भूकंप आया अधिकतर लोग गहरी नींद में सो रहे थे, जिस कारण जानमाल का ज्यादा नुकसान हुआ

दक्षिण भारत के करीब वाले इस हिस्से में पृथ्वी की एक ही प्लेट है ऐसे में वैज्ञानिक नहीं समझ पाए कि भूकंप आया क्यों अक्सर यही कहा जाता है कि भूकंप ज्वालामुखी या प्लेटों के टकराने या रगड़ खाने से आते हैं

पूरा विश्व भारत के साथ था खड़ा
इस भयानक त्रासदी के बाद पूरा विश्व भारत के साथ खड़ा था विश्व बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक और कई देशी-विदेशी दान दाता एजेंसियों ने राहत व बचाव कार्य के लिए दान दिया हजारों लोगों को राहत व बचाव कार्य के दौरान सेना व बचाव दल ने मलबे से जीवित निकाल लिया इस प्राकृतिक आपदा में विकलांग हुए लोगों को सरकार की ओर से 46.55 लाख की सहायता राशि दी गई थी सरकार ने विश्व बैंक व अन्य दानदाताओं की मदद से पीडि़तों के लिए एक बड़ा रिहेबलिटेशन कार्यक्रम चलाया

भूकंप में जिन लोगों के जानवर मर गए थे उन्हें सरकार की तरफ से जानवर दिए गए. रेड क्रॉस संस्था ने भूकंप प्रभावित इलाके में 27-27 बैड के तीन ग्रामीण अस्पताल बनाए 2 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और 11 उप स्वास्थ्य केन्द्र भी रेड क्रॉस ने स्थापित किए

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