लद्दाख में बुधवार शाम 4 बजे भूकंप के झटके किए गए महसूस

लद्दाख में बुधवार शाम करीब 4 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे क्षेत्र के लोग कुछ समय के लिए दहशत में आ गए. हालांकि, भूकंप की तीव्रता कम होने के कारण किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान नहीं हुआ है. लद्दाख जैसे संवेदनशील भौगोलिक क्षेत्र में भूकंप आना कोई नई बात नहीं है. यह क्षेत्र हिमालयन टेक्टोनिक प्लेट्स पर स्थित है, जहां अक्सर हल्के और मध्यम भूकंप दर्ज किए जाते हैं.

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने बताया कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई. भूकंप का केंद्र लेह-लद्दाख क्षेत्र में धरती के 10 किलोमीटर नीचे बताया गया है. वहीं भूकंप शाम 4 बजकर 23 मिनट पर दर्ज किया गया.

कितनी तीव्रता पर क्या होता है असर?
रिक्टर स्केल पर 5 से कम तीव्रता वाले भूकंप को आमतौर पर हल्का माना जाता है. हर साल लगभग 6,000 ऐसे भूकंप आते हैं, जो ज्यादातर नुकसान नहीं पहुंचाते. हालांकि, यह क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और निर्माण तकनीक पर भी निर्भर करता है. यदि भूकंप का केंद्र नदी के किनारे हो और उस क्षेत्र में भूकंपरोधी तकनीक के बिना इमारतें खड़ी हों, तो 5 तीव्रता का झटका भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है.

रिक्टर पैमाने पर 2 या उससे कम तीव्रता वाले भूकंप बहुत हल्के होते हैं, जिन्हें महसूस करना मुश्किल होता है. ऐसे भूकंप साल में 8,000 से अधिक बार दर्ज किए जाते हैं. वहीं, 5 से 5.9 तीव्रता वाले भूकंप को मध्यम श्रेणी में रखा जाता है. हर साल करीब 800 बार ऐसे भूकंप महसूस किए जाते हैं, जो कभी-कभी नुकसान का कारण बन सकते हैं.

भूकंप के दौरान क्या करें और क्या न करें
यदि आप किसी बिल्डिंग के अंदर हैं और भूकंप के झटके महसूस होते हैं, तो तुरंत जमीन पर बैठ जाएं या किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे चले जाएं. खिड़कियों और भारी सामान से दूर रहें. यदि आप बाहर हैं, तो पेड़ों, खंभों और बिजली के तारों से दूर रहें, क्योंकि उनके गिरने का खतरा होता है.

अगर आप वाहन चला रहे हैं, तो तुरंत वाहन रोककर उसमें ही सुरक्षित रहें. वहीं, अगर भूकंप के बाद आप मलबे में फंस जाते हैं, तो कभी भी माचिस न जलाएं और न ही किसी वस्तु को धक्का दें. ऐसा करने से और मलबा गिर सकता है. मलबे के नीचे फंसे होने पर चिल्लाने की बजाय, किसी वस्तु पर हल्की आवाज करें ताकि बचाव दल आपको ढूंढ सके.

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