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ई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को अपील में देरी होने पर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इस प्रकार की लापरवाही कानून और न्याय व्यवस्था को कमजोर कर सकती है। कोर्ट ने आदेश दिया कि अपील की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाए और समयबद्ध तरीके से कानूनी कार्यवाही की जाए।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मामले में समय पर कार्रवाई न करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर नाराजगी जताई और कहा कि इस देरी के कारण न्याय का क्षरण हो रहा है। मामले की अगली सुनवाई की तिथि तय कर दी गई है और सरकार को आदेश दिया गया कि वे अपनी अपील शीघ्र प्रस्तुत करें।
सरकार ठोस तंत्र प्रस्तुत करे
सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार से सुधार योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को एक ठोस तंत्र प्रस्तुत करने के लिए कहा है. ताकि, अनावश्यक और विलंबित SLPs दायर करने की प्रवृत्ति रोकी जा सके और सार्वजनिक पैसे व्यर्थ न हो.
हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. ये याचिका मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ कोर्ट में चुनौती देने के लिए की गई थी. हाई कोर्ट की ओर से याचिका दायर करने में 656 दिनों की देरी की वजह से दूसरी अपील खारिज कर दी थी.
इसी मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो हाई कोर्ट के खिलाफ सरकार की चुनौती को खारिज कर सकती थी, लेकिन उन्हें जानना है कि मामला दर्ज करने का निर्णय लेने के पीछे कौन प्राधिकारी था. राज्य की सरकार की ओर से इस मामले में हो रही देरी के कारण को सही ठहराने में सक्षम नहीं था. इस वजह से कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है.