सुप्रीम कोर्ट ने गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए 30 लोगों की सीमा तय करने वाले एनजीटी के आदेश पर रोक लगाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गणपति विसर्जन के लिए 30 से ज्यादा लोगों को जाने पर एनजीटी के प्रतिबंध के आदेश पर रोक लगा दी है।

आज चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष ‘युवा वाद्य पथक ट्रस्ट’ की ओर से पेश वकील ने मेंशन करते हुए एनजीटी के 17 अगस्त के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि एनजीटी ने पुणे में गणपति के विसर्जन के लिए ढोल ताशा समूह में लोगों की संख्या को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट से कहा गया कि एनजीटी विसर्जन के लिए लोगों की संख्या कैसे सीमित कर सकता है।

चीफ जस्टिस ने कहा कि ये त्योहार पुणे वालों के दिल में बसता है। उन्हें अपनी मर्जी से ढोल-ताशा के साथ त्योहार मनाने दिया जाए। याचिकाकर्ता ने एनजीटी के आदेश के उस हिस्से को चुनौती दी थी जिसमे विसर्जन में शामिल लोगों की संख्या 30 तक सीमित करने का निर्देश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार, पुणे डिस्ट्रिक कलक्ट्रेट ऑफिस, पुणे पुलिस कमिश्नर और पुणे म्युनिसिपल कार्पोरेशन को नोटिस जारी किया।

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