सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई है. मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में SC ने जताई नाराजगी जताई है. तय कानून से उलट पक्ष रखने पर केंद्र को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम केंद्र की ओर से कानून के विपरीत प्रस्तुत करने के आचरण को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए के तहत एक महिला आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है. जिसमें ईडी ने पीएमएलए में कड़े जमानत प्रावधानों से महिलाओं को छूट दिए जाने के बावजूद विरोध किया था. जस्टिस एएस ओका ने कहा कि वह जमानत की हकदार है. उसकी जमानत में आपत्ति क्यों दर्ज कराई गई?
जिस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा बिलकुल वे जमानत वो जमानत की हकदार है.कृपया हमें जवाब दाखिल करने की अनुमति दें. गलत कम्युनिकेशन के कारण कुछ भ्रम हो गया था.
ऐसे कैसे चलेगा- SC
जस्टिस ओका ने कहा कि हम स्वीकार करते हैं कि हम पूरे कानून को नहीं जानते हैं, लेकिन कभी-कभी हम कानून के कुछ प्रावधानों को जानते हैं. यदि अदालत के समक्ष पेश होने वाले सरकारी वकील इस आधार पर आगे बढ़ेंगे, तो कैसे चलेगा? इस तरह के पक्ष को क्या माना जाए? कोर्ट ने कहा कि इस तरीके की दलीलें नहीं सुनी जाएगी.
एएसजी मेहता ने कहा कि यह इरादा नहीं था, लेकिन मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया सामग्री देखें. महिला को सीआरपीसी के साथ-साथ पीएमएलए के तहत विशेष उपचार मिलता है, लेकिन यहां महिला खुद ही सरगना है. यही मैं दिखाने की कोशिश कर रहा हूं. हमें शुक्रवार तक का समय दें. तब तक हम विस्तृत रिपोर्ट आपके समक्ष पेश करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने महिला की याचिका सुनवाई के लिए मंजूर कर ली है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ASG को जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया है.