समाजवाद आंदोलन के सशक्त हस्ताक्षर हैं राजनाथ शर्मा : गोप

आपातकाल बंदी रहे राजनाथ शर्मा का पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप ने किया अभिनंदन

बाराबंकी। संघर्ष, वैचारिकी और समाजवाद की प्रतिमूर्ति वयोवृद्ध गांधीवादी, लोकतंत्र रक्षक सेनानी राजनाथ शर्मा ने अपना सारा जीवन गांधी जी के आदर्शों और सोशलिस्ट विचारधारा को समर्पित किया है। उन्होंने नेताजी मुलायम सिंह यादव के साथ मिलकर समाजवाद की वैचारिक लड़ाई लड़ी है। जिस लड़ाई को समाजवादी पार्टी के अगुआ एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी आगे बढ़ा रहे हैं। यह बात रविवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद कुमार सिंह गोप ने 14 जुलाई 1975 को देश में घोषित आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए राजनाथ शर्मा का नागरिक अभिनंदन किया। इस दौरान उन्होंने राजनाथ शर्मा को शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। श्री गोप ने कहा कि राजनाथ शर्मा एक आंदोलनकारी नेता हैं। वह उस आदर्श के प्रतीक हैं जिन्होंने सिद्धांत से कभी समझौता नहीं किया। सोशलिस्ट पार्टी से लेकर जनता पार्टी तक विभिन्न पदों पर रहते हुए समाज में बराबरी लाने और लोकतंत्र को मजबूत करने की लड़ाई लड़ते रहे हैं। बीते दिनों राजनाथ शर्मा को दिल्ली में “जेपी सेनानी अवार्ड” से सम्मानित किया गया। यह उनके सामाजिक कामों के प्रति समर्पण था जिसका उन्हें प्रतिफल मिला। उनकी वैचारिक चिंतन समाजवाद की गतिशीलता को बनाए हुए है। लोकतंत्र रक्षक सेनानी एवं समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा ने बताया कि 14 जुलाई विश्व की ऐतिहासिक घटनाक्रम की तारीख है। 14 जुलाई 1786 को फ्रांस में राजतंत्र की समाप्ति और फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत हुई। वहीं आज से ठीक 49 साल पहले 14 जुलाई 1975 को घोषित आपातकाल के दौरान मेरी गिरफ्तारी हुई। जिसमे डीआईआर और राजद्रोह जैसी गंभीर धाराओं में मुझे बाराबंकी जेल में बंदी गया और आपातकाल की समाप्ति पर मेरी रिहाई हुई। श्री शर्मा ने कहा कि राजनैतिक लोगों को वैचारिक लड़ाई लड़ने का अधिकार तत्कालीन सरकार ने खत्म कर दिया था। जिसके कारण देश में आपातकाल लागू हुआ। श्री शर्मा ने पूर्व मंत्री अरविंद कुमार सिंह गोप का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि श्री गोप संघर्षशील व्यक्तित्व का सम्मान करते हुए युवा पीढ़ी को समाजवाद का दर्शन बताते हैं। इस मौके पर पूर्व विधायक रामगोपाल रावत, सपा जिला उपाध्यक्ष अजय वर्मा बबलू, समाजसेवी विजय कुमार सिंह मुन्ना, हशमत अली, वीरेंद्र प्रधान, मृत्युंजय शर्मा, भूपेंद्र सिंह बबलू, सत्यवान वर्मा आदि लोग मौजूद रहे।

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