श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन सुनाई गई भक्त प्रहलाद की कथा

हमीरपुर : मुख्यालय के चौरा देवी मंदिर में में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास शीतल संत मुरारी दास महाराज ने उपस्थित श्रोताओं को सती चरित्र और ध्रुव व भक्त प्रहलाद की कथा सुनाई।
उन्होंने भक्तों से कहा कि कठिन दौर में भी उन्होंने भगवान के नाम का सहारा नहीं छोड़ना चाहिए। वही हर कष्ट और दुखों का निवारण करते हैं। भगवान सिर्फ भाव के ही भूखे हैं। जो भी जन उनके प्रति समर्पित भाव रखते हैं उनका बेड़ा अवश्य पार होता है। कलयुग का सबसे बड़ा अभिशाप आलस्य और कम आयु को बताया। जो जीव अपने लक्ष्य को याद रखता है वही सर्वश्रेष्ठ है। हमें यह मानव जीवन क्यों मिला है, किस उद्देश्य के लिए मिला है। इसे जरूर ध्यान रखें। इसलिए इस जीवन को यूं ही न गवाएं और अपने सत्कर्मों को इतना बढ़ा लें कि आपको मोक्ष मिल जाए।

Related Articles

Back to top button