72 वर्षीय अहमद अली के साथ क्या गुजरी सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।फिर भी पुलिस से अहमद अली को मिली न्याय की जगह दुत्कार
गोंडा। जनपद गोंडा के कोतवाली मनकापुर अंतर्गत पुलिस चौकी मछली बाजार के कारनामे विचित्र है। एक नहीं कई बार फजीहत होने के बावजूद डी जी तक के आदेश पर भी यहां पीड़ितों को नहीं मिल रहा न्याय।इसी क्रम में अपनी पीड़ा को बयां करते हुए लगभग 72 वर्षीय अहमद अली ने बताया कि मैं लगातार 17 बार पुलिस चौकी मछली बाजार में अपने मकान में चोरी होने की घटना तथा अन्य पीड़ा को लेकर दरखास्त दे चुका लेकिन मछली बाजार पुलिस चौकी मूकदर्शक बनी हुई है। कार्यवाही करने की बजाय मुझे कहती है कोर्ट जाओ,यहां तुम्हारा कुछ नहीं हो सकता। मोहम्मद अहमद ने बताया कि जब मैं पुलिस चौकी पहुंचता हूं तो मेरे विपक्षी काफी पैसे वाले हैं।जो पुलिस चौकी पर पैसे देकर मामले को रखा दफा करवाते हैं।और पहुंचते ही मुझे पुलिस की एक ही जुबान सुनने को मिलती है कि अपनी बात जाकर कोर्ट में रखो। तुम्हारा यहां से कुछ नहीं होने वाला है।मोहम्मद अहमद ने यह भी बताया कि मुझे इतनी पीड़ा है कि मैं रो-रो कर अपने बरामदे में दिन गुजार रहा हूं। और लगभग 72 वर्ष की अवस्था होने के बावजूद किसी भी पुलिस वाले को मुझ पर दया तक नहीं आ रही है।वही उम्र अवस्था को दरकिनार करते हुए विपक्षियों ने प्रेरित होकर अभी हाल ही में मेरे खिलाफ बलात्कार जैसे गंभीर आरोप लगाए लेकिन अल्लाह की शुक्र रही कि मैं बचा हूं। 72 वर्ष मोहम्मद अहमद को देखने से ही लगता है कि शरीर जर्जर है मुंह में दांत भी नहीं है। और चलने में असमर्थ सा दिखाई दे रहा है। ऐसे में क्या मोहम्म्द अहमद बलात्कार कर सकता है।
इन सभी अनसुलझे प्रश्नों के साथ पुलिस चौकी मछली बाजार पर कई प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहे हैं।लेकिन चौकी प्रभारी अपनी रसूख व पहुंच व बल बूते काफी चर्चित होने के बावजूद भी पुलिस चौकी पर प्रभारी के पद पर आसीन हैं। और पुलिस महकमे के जिम्मेदारों ने ऐसे भ्रष्ट चौकी प्रभारी तक अभी तक कोई कार्यवाही नहीं कि इससे बहुत बड़ा प्रश्न खड़ा हो रहा है।मोहम्मद अहमद ही नहीं मछली बाजार में यदि खंगाल कर देखा जाए तो ऐसे कई मोहम्मद अहमद मिलेंगे जो महीनों से मछली बाजार का चक्कर काट कर थक चुके लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है।वहीं सूत्रों की माने तो चौकी प्रभारी मछली बाजार अपने रसूख के बल बूते अब थाना इंचार्जि पाने के चक्कर में लगे हुए हैं।क्या ऐसे विवादित चौकी इंचार्ज को थाना मिल जाएगा तो इस स्थिति क्या होगी स्वयं कयास लगाया जा सकता है। वही इस संबंध में जब अपर पुलिस अधीक्षक गोंडा पूर्वी मनोज कुमार रावत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि घर जमीन कब्जे जारी का मामला दूसरे प्रकृति का होता है इसमें मजिस्ट्रेट की जरूरत होती है लेकिन यदि मारपीट गाली गलौज व सामान उठाने पर पुलिस ने कार्यवाही नहीं की तो यह गलत है।दरखास्त मिल जाए तो जांच कर कर अवश्य कर ही कराई जाएगी। लेकिन मछली बाजार पुलिस चौकी के लिए यह कोई नई घटना नहीं है।ऐसी तमाम बातें आए दिन जन्म लेती रहती हैं फिर भी चर्चित चौकी इंचार्ज के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।