…स्टेनलेस स्टील का प्रयोग हुआ होता तो प्रतिमा कभी नहीं गिरती

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना का जिक्र करते हुआ कहा कि अगर प्रतिमा बनाने में स्टेनलेस स्टील का प्रयोग हुआ होता तो प्रतिमा कभी नहीं गिरती केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि तटीय क्षेत्र में होने वाले आधारभूत संरचना के निर्माण में स्टैनलेस स्टील का प्रयोग किया जाना चाहिए, जिससे उन्हें जंग लगने से बचाया जा सके

मंगलवार यानी 3 सितंबर को फिक्की के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं पिछले तीन सालों से इस बात पर जोर दे रहा हूं कि समुद्र के करीब बनने वाले पुलों के निर्माण में स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया जाना चाहिए एक घटना का जिक्र करते हुए बताया जब ​​मैं महाराष्ट्र सरकार में राज्य मंत्री था, तब मुंबई में 55 फ्लाईओवरों के निर्माण का निर्माण चल रहा था

एक व्यक्ति ने मुझे मूर्ख बनाया कि लोहे की छड़ों पर कुछ पाउडर लगाने से इसमें जंग नहीं लगता, लेकिन कुछ दिनों में ही उसमें भी जंग लग गया तब से ही मुझे लगता है की तटीय क्षेत्र के 30 किलोमीटर के परिधि में कोई भी निर्माण हो उसमे स्टेनलेस स्टील का प्रयोग होना चाहिए

इसी दौरान उन्होंने कहा कि अगर शिवाजी की प्रतिमा में स्टेनलेस स्टील लगी होती तो वो 100 प्रतिशत नहीं गिरती

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग के मालवन में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पिछले महीने यानी 26 अगस्त को गिर गई थी शिवाजी महाराज की ये प्रतिमा 35 फुट ऊंची थी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 महीने पहले यानी पिछले साल 4 दिसंबर को ही इसका अनावरण किया था इस प्रतिमा के गिरने के बाद से ही महाराष्ट्र में सियासी घमासान मचा हुआ है हाल ही में पीएम मोदी ने पालघर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए इसके लिए माफी भी मांगी थी

मूर्तिकार के खिलाफ लुकआउट नोटिस
सिंधुदुर्ग पुलिस ने मूर्तिकार जयदीप आप्टे के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया है, जो मालवन में राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी की मूर्ति गिरने के बाद से 10 दिनों से अधिक समय से लापता है

आपको बता दे की घटना के बाद पुलिस ने मूर्तिकार और स्ट्रक्चरल इंजीनियर के खिलाफ धारा 109 (हत्या का प्रयास), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना), 318 (धोखाधड़ी और जालसाजी), और भारतीय न्याय संहिता की धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है इसके अलावा, सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3 के तहत केस दर्ज किया गया था

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