इस्लामाबाद: पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के शीर्ष नेता शहबाज शरीफ का चुनावों में धांधली के आरोपों और लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था तथा सुरक्षा चुनौतियों के बीच रविवार को देश का 33वां प्रधानमंत्री बनना तय है। पीएमएल-एन तथा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के संयुक्त उम्मीदवार शहबाज ने अपना नामांकन सौंप दिया है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उनके प्रतिद्वंद्वी उमर अयूब खान ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। पीएमएल-एन अध्यक्ष शहबाज (72) पाकिस्तान के तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (74) के छोटे भाई हैं। नेशनल असेंबली के सचिवालय के अनुसार, नए प्रधानमंत्री का चुनाव करने के लिए नेशनल असेंबली में रविवार को मतदान होगा। सफल उम्मीदवार को सोमवार को राष्ट्रपति आवास ऐवान-ए-सद्र में पद की शपथ दिलायी जाएगी।
शहबाज को पंजाब प्रांत का मुख्यमंत्री रहने के दौरान बड़ी विकास परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के कारण एक कुशल प्रशासक माना जाता है। हालांकि, वह 2022 में प्रधानमंत्री के रूप में अपने 16 महीने के कार्यकाल में इस कौशल का प्रभावी प्रदर्शन करने में नाकाम रहे थे। उनके सामने अस्थिर अर्थव्यवस्था और आतंकवाद के बढ़ते खतरे की चुनौतियां हैं। उनकी सरकार को जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की जमीनी स्तर पर ताकत का भी सामना करना पड़ेगा जो चुनाव में कथित धांधली के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है।
आठ फरवरी को हुए चुनाव में शरीफ की अगुवाई में पार्टी स्पष्ट बहुमत पाने में नाकाम रही। हालांकि, तकनीकी रूप से वह 265 में से 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। सभी को हैरत में डालते हुए नवाज शरीफ ने गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए शहबाज का समर्थन किया। पीपीपी और चार छोटे दल गठबंधन में शामिल हो गए हैं। पीपीपी अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को एक बार फिर राष्ट्रपति बनाने के बदले में बाहर से पीएमएल-एन को समर्थन दे रही है।
प्रधानमंत्री के रूप में शहबाज शरीफ का चुना जाना लगभग तय है क्योंकि नेशनल असेंबली के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए पीएमएल-एन और पीपीपी के उम्मीदवार शुक्रवार को भारी बहुमत के साथ चुने गए। शहबाज ने अप्रैल 2022 से अगस्त 2023 तक प्रधानमंत्री के रूप में एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया। द न्यूज इंटरनेशनल अखबार ने ‘उच्च पदस्थ सूत्रों’ के हवाले से बताया कि इमरान खान से अपनी निकटता के लिए पहचाने जाने वाले राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नए प्रधानमंत्री को शपथ दिलाने की सहमति दे दी है।