कोठी। एसडीम हैदरगढ़ की रिपोर्ट बाद क्षेत्र के कुभरावां गांव 50 साल पुराने विवादित रास्ते निर्माण कार्य रास्ता साफ है। प्रधान के मनरेगा में किए गए प्रस्ताव पर बीडीओ अंतिम मुहर शेष है। जिससे करीब दो दर्जन से अधिक परिवार नरकीय जीवन जीने से छुटकारा मिलेगा। प्रधान कुभरावां इस पहल से एक पक्ष में नाराजगी है। लेकिन पुराना रास्ता होने एसडीएम अनुमति है।
सिद्धौर ब्लॉक क्षेत्र के कुभरावां में रामकिशुन के घर से कुटी मंदिर तक करीब 58 मीटर करीब 50 साल पुराना सर्वाजनिक (खड़ंजा ) रास्ता है। जो आबादी से सटा गाटा संख्या 122 मि. खातेदार श्रीमती कांति देवी व रामकिशुन रक्बा में हैं। लेकिन गांव आधी आबादी आवागमन इसी रास्ते वर्षों से है। पूर्व प्रधान ने कच्ची पटाई, खड़ंजा व किनारे नाली बनवाई थी। यही गांव निवासी उमाकांत, रामनेवल, इसरार अहमद, राजेश, सर्वजीत, बृजेश, अयोध्या प्रसाद, रामकैलाश, पिंटू, धर्मेद्र, श्यामकली, सुनील, रामविलास, श्रीकृष्ण, दुजई, विनोद कुमार, अजय, अंबिका प्रसाद, मैकूलाल, ओमप्रकाश, संदीप, संतोष, शिवशंकर व रीना आदि का कहना है। इनकी समस्या समाधान के लिए प्रधान प्रतिनिधि कमल सिंह पटेल के मनरेगा योजना के तहत इंटरलॉकिंग कार्य प्रस्तावित किया। इससे असंतुष्ट एक खातेदार ने 5 सितंबर को मनरेगा मजदूरों से विवाद कर लिया। जिस पर बीडीओ पूजा सिंह ने राजस्व रिपोर्ट बगैर कार्य पर रोक लगा दी। मगर एसडीएम हैदरगढ़ तम्स तबरेज खान की रिपोर्ट प्रधान पक्ष में है। जिसमे 50 साल पुराना आबादी रास्ता होने के साथ रास्ते किनारे नाली होना बताया गया। इसी आधार बीडीओ पूजा सिंह ने बताया कि मनरेगा टीए को निरीक्षण के लिए आदेशित किया। उसकी रिपोर्ट मिलते ही फाइल एफएस कर दी जाएगी। करीब विवादित 58 मीटर लंबा इंटरलॉकिंग निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। मगर बीडीओ पूजा सिंह के मनमानी से आक्रोशित प्रधान प्रति कमल सिंह पटेल ने डीएम से शिकायतें करने साथ धरना प्रदर्शन चेतावनी दी है।