नई दिल्ली। देश आज अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। कर्तव्य पथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने तिरंगा फहराया। इस अवसर पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि के रूप में शोभा बढ़ा रहे हैं। इस दौरान 21 तोपों की सलामी भी दी गई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और व उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों की आगवानी की। राष्ट्रपति मुर्मु व मुख्य अतिथि पारंपरिक बग्गी से कर्तव्य पथ पर पहुंचे, जहां पर उन्होंने जनता का अभिवादन स्वीकार किया। इस दौरान पीएम मोदी ने मैक्रों को गले लगाया और कुछ देर दोनों को बात करते हुए भी देखा गया।
भारतीय वाद्ययंत्रों के साथ ‘आवाहन’ समूह ने 90 मिनट तक चलने वाली परेड की शुरुआत की। ‘आवाहन’ समूह आकर्षण का केंद्र रहा जिसमें 100 से अधिक महिला कलाकार विभिन्न ताल वाद्ययंत्र बजाते हुए शामिल हुईं। पहली बार परेड में शामिल इस समूह में देश के विभिन्न हिस्सों के भारतीय वाद्ययंत्रों की ध्वनियां सुनाई दे रही थीं।
घुड़सवार दल ने परेड की अगुवाई की
दुनिया की एकमात्र घुड़सवार रेजीमेंट ने गणतंत्र दिवस परेड की अगुवाई की। सेना के 61वें घुड़सवार दस्ते का नेतृत्व मेजर यशदीप अहलावत ने किया। 61 कैवेलरी को 1953 में स्थापित किया गया था और यह दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय घुड़सवार दस्ता है, जिसमें सभी ‘स्टेट हॉर्स्ड कैवेलरी यूनिट’ शामिल हैं।
पहली बार कर्त्तव्य पथ पर परेड करते हुए तीनों सेनाओं से महिलाओं की एक टुकड़ी शामिल हुई। इस परेड का नेतृत्व सैन्य पुलिस की कैप्टन संध्या ने किया।
कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस की महिलाकर्मी ‘नारी शक्ति’ कौशल का प्रदर्शन कर रही हैं। मोटरसाइकिलों पर सवार 265 महिला बाइकर्स ने शौर्य और वीरता का प्रदर्शन किया।
इस बार की परेड में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की कुल 16 झांकियों ने हिस्सा लिया, जबकि केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की नौ झांकियां भी शामिल हुईं, लेकिन उत्तर प्रदेश की झांकी पर सभी की निगाहें टिकी रहीं, क्योंकि उत्तर प्रदेश की झांकी का भगवान श्रीराम ने बाल स्वरूप में नेतृत्व किया। झांकी विकसित भारत-समृद्ध विरासत पर आधारित है।