चंडीगढ़। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ चल रही खींचतान के बीच तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हरप्रीत इससे पहले अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार भी रह चुके हैं।
दरअसल, ज्ञानी हरप्रीत सिंह का अकाली नेता विरसा सिंह के साथ कई माह से विवाद चल रहा है। मंगलवार को पांच सिंह साहिबानों की बैठक में अकाली दल को आदेश दिया गया था कि वह विरसा सिंह वलटोहा को पार्टी से निकालें। इसके बाद वलटोहा ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। इस खींचतान के बीच बुधवार की शाम एक निजी टीवी चैनल पर लाइव होकर ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान
कर दिया। उन्होंने कहा कि विरसा सिंह वलटोहा की तरफ से उन्हें लगातार धमकाया जा रहा है। उनकी बेटियों की इज्जत भी खतरे में है। मेरी जाति को परखा जा रहा है। वलटोहा को अकाली दल का सोशल मीडिया विंग लगातार समर्थन कर रहा है। इस मामले में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पूरी तरह से चुप है।
हरप्रीत सिंह ने एसजीपीसी अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि वह उनका इस्तीफा तुरंत प्रभाव से स्वीकार करें। इस बीच शिरोमणि अकाली दल की तरफ से जारी जानकारी में कहा गया कि शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष स.बलविंदर सिंह भूंदड़ ने आज विरसा सिंह वल्टोहा का पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और अकाली दल के सभी पदों से इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है।