ब्याज दर में कटौती के संकेत का बाजार पर रहेगा असर

मुंबई। वैश्विक स्तर के सकारात्मक रुझान के बीच स्थानीय स्तर पर मजबूत आर्थिक आंकड़ों और रिजर्व बैंक (आरबीआई) के विकास अनुमान में सुधार करने से हुई जबरदस्त लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह नया इतिहास रच चुके घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह फेड रिजर्व के नये साल में ब्याज दर में कटौती के स्पष्ट संकेत का असर जारी रहेगा। अमेरिका में 10 वर्षीय बॉन्ड यील्ड के चार प्रतिशत से नीचे लुढ़कने से विकासशील बाजारों के लार्जकैप की ओर पूंजी प्रवाह बढऩे की बदौलत बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1658.15 अंक अर्थात 2.4 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर पहली बार 71 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 71483.75 अंक पर पहुंच गया।

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 487.25 अंक यानी 2.32 प्रतिशत उछलकर सार्वकालिक उच्चतम स्तर 21456.65 अंक पर रहा।समीक्षाधीन सप्ताह में दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी जबरदस्त लिवाली हुई। इससे बीएसई का मिडकैप 907.44 अंक अर्थात 2.6 प्रतिशत की तेजी के साथ सप्ताहांत पर 36198.35 अंक हो गया। साथ ही स्मॉलकैप 978.84 अंक यानी 2.4 प्रतिशत मजबूत होकर पहली बार 42 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 42083.21 अंक पर रहा। विश्लेषकों के अनुसार, घरेलू और वैश्विक दोनों फ्रंट से सकारात्मक संकेतकों से उत्साहित होकर बीते सप्ताह बाजार नई ऊंचाई पर पहुंच गया। मजबूत घरेलू औद्योगिक उत्पादन और विनिर्माण पीएमआई आंकड़ों के साथ-साथ देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पूर्वानुमान पर आरबीआई की सकारात्मक टिप्पणियों ने बाजार की तेजी में योगदान दिया। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट और वर्ष 2024 में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के स्पष्ट संकेत ने बाजार की उम्मीदों को और बढ़ा दिया है। निवेशकों को विश्वास है कि मौद्रिक नीति के सरल होने से वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में अमेरिकी आर्थिक विकास पर से सुस्ती के बादल छंट जाएंगे। साथ ही अमेरिका से मांग बढऩे खासकर एआई-आधारित अवसरों में बढ़ोतरी होने और फेड द्वारा वर्ष 2024 में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद में बीते सप्ताह घरेलू बाजार में आईटी सेक्टर में 7.6त्न की बढ़ोतरी हुई।

निवेश सलाह देने वाली कंपनी जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “हमें उम्मीद है कि ऊंचे मूल्यांकन, अल नीनो को लेकर चिंता और विश्व जीडीपी में मंदी के कारण बाजार में निकट अवधि में मजबूती आएगी।”बीते सप्ताह बाजार में एक दिन की गिरावट को छोड़कर शेष चार दिन तेजी रही। विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों के नए वर्ष से ब्याज दरों में कटौती शुरू करने की संभावना में विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत सोमवार को सेंसेक्स 102.93 अंक की तेजी के साथ 69928.53 अंक और निफ्टी 27.70 अंक बढ़कर 20997.10 अंक पर पहुंच गया। अमेरिका में फेड रिजर्व की चल रही बैठक में नीतिगत दरों को यथावत रखने की उम्मीद में विश्व बाजार में आई तेजी के बावजूद स्थानीय स्तर पर ऊर्जा, यूटिलिटीज, तेल एवं गैस और रियल्टी समेत सत्रह समूहों में हुई मुनाफावसूली के दबाव में मंगलवार को सेंसेक्स 377.50 अंक लुढ़ककर 69551.03 अंक और निफ्टी 90.70 अंक की गिरावट के साथ 20906.40 अंक पर आ गया।

फेड रिजर्व के नीतिगत दरों पर आने वाले निर्णय से पहले विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर हेल्थकेयर, इंडस्ट्रियल्स, यूटिलिटीज, ऑटो, रियल्टी और सर्विसेज समेत चौदह समूहों में हुई लिवाली से बुधवार को सेंसेक्स 33.57 अंक बढ़कर 69584.60 अंक और निफ्टी 19.95 अंक उठकर 20926.35 अंक पर रहा।अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती करने के संकेत से विश्व बाज़ार की तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत गुरुवार को सेंसेक्स 929.60 अंक की उड़ान भरकर 70514.20 अंक और निफ्टी 256.35 अंक की छलांग लगाकर 21182.70 अंक हो गया। फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती के स्पष्ट संकेत से अमेरिकी दस वर्षीय बांड यील्ड के चार प्रतिशत से नीचे लुढ़कने की बदौलत स्थानीय स्तर पर हुई ज़बरदस्त लिवाली से शुक्रवार को सेंसेक्स 969.55 अंक की तूफानी तेजी के साथ 71483.75 अंक और निफ्टी 273.95 अंक की छलांग लगाकर 21456.65 अंक हो गया।

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