चांद पर प्रज्ञान का मूनवॉक, अब क्या-क्या जानकारियां देगा

चंद्रयान-3 मिशन की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद गुरुवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के प्रज्ञान रोवर को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक तैनात किया गया। यह भारत के तीसरे चंद्र मिशन, चंद्रयान-3 के कुछ घंटों बाद आया है, जब विक्रम लैंडर बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह पर उतरा और इतिहास रचा। इसरो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सीएच-3 रोवर लैंडर से नीचे उतरा और भारत ने चंद्रमा पर सैर की।” उन्होंने कहा कि अधिक मिशन अपडेट जल्द ही साझा किए जाएंगे।

अब असली खोज अभियान

रोवर दो अहम स्टडी करेगा जिनमें सबसे पहले लेजर से उस जमीन की स्टडी करना शामिल है। इसके साथ ही उसके रसायन को भी जानने की कोशिश की जाएगी। छह पहियो वला रोवर धरती के करीब 14 दिनों तक काम करेगा। चार पैरों वाले विक्रम लैंडर में कई सेंसर लगे हैं। ISRO के मुताबिक, चंद्रयान-3 के लिए तीन मुख्य मकसद हैं: पहला, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराना, जोकि पूरा हो चुका है। दूसरा, चंद्रमा की सतह कही जाने वाली रैजोलिथ पर लैंडर को उतारना और घुमाना। लैंडर और रोवर्स से चंद्रमा की सतह पर शोध कराना।

रोवर मॉड्यूल का काम

चंद्रयान-3 के रोवर का वजन केवल 26 किलोग्राम है। इसमें बिजली उत्पादन के लिए सोलर पैनल के साथ बैटरी भी शामिल है।

91.7 सेमी लंबा, 75 सेमी चौड़ा और 39.7 सेमी ऊंचा, रोवर अपने छह पहियों की मदद से चांद की सतह पर चलेगा।

यह इकट्ठा की गई जानकारी लैंडर को भेजता है, तो लैंडर इसे भारतीय डीप स्पेस नेटवर्क को भेजेगा।

Related Articles

Back to top button