तेहरान- ईरान ने कहा है कि वह इजरायल से बदला जरूर लेगा और किसी भी वक्त उसकी मिसाइलें बेंजामिन नेतन्याहू के देश पर बरस सकती हैं. दरअसल, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल और अमेरिका को ईरान तथा उसके सहयोगियों पर किए जाने वाले हमलों का ‘करारा जवाब’ देने की धमकी दी है, जिसके बाद से ही पूरी दुनिया यह जानने को बेचैन है कि ईरान के पास कितनी और किस तरह की मिसाइलें हैं.
ईरान के पास हजारों बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइलों के साथ ही कई तरह के मिसाइलों का भंडार है. इन मिसाइलों की रेंज अलग-अलग है.
सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज की मिसाइल थ्रेट प्रोजेक्ट की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. हालांकि, हर तरह की मिसाइल की सटीक संख्या किसी को मालूम नहीं है, लेकिन अमेरिकी एयर फोर्स के जनरल केनेथ मैकेंजी ने 2023 में देश की संसद को बताया था कि ईरान के पास ‘3000 से अधिक’ बैलिस्टिक मिसाइलें हैं. यह जानकारी इस साल ईरान वॉच वेबसाइट पर विस्कॉन्सिन प्रोजेक्ट ऑन न्यूक्लियर आर्म्स कंट्रोल की रिपोर्ट में दी गई थी.
ईरानी समाचार एजेंसी आईएसएनए ने इसी साल अप्रैल में एक ग्राफिक पब्लिश किया, जिसमें नौ ईरानी मिसाइलें दिखाई गईं, जिसके बारे में कहा गया है कि ये मिसाइलें इज़रायल तक पहुंच सकती हैं. इनमें ‘सेजिल’ शामिल है, जो 17,000 किमी प्रति घंटे (10,500 मील प्रति घंटे) से अधिक की गति से उड़ान भर सकती है और इसकी रेंज 2,500 किमी (1,550 मील) है. इसी तरह से ‘खैबर’ की रेंज 2,000 किमी (1,240 मील) है, जबकि ‘हाज कासिम’ मिसाइल की रेंज 1,400 किमी (870 मील) है.
वॉशिंगटन स्थित गैर-सरकारी संगठन आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के अनुसार, ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों में ‘शहाब-1’ शामिल है, जिसकी रेंज 300 किमी (190 मील) है; ‘ज़ोल्फ़गार’ की रेंज 700 किमी (435 मील) है; ‘शहाब-3’ की रेंज 800-1000 किमी (500 से 620 मील) है; ‘एमाद-1’ जिसका निर्माण ईरान कर रहा है, की रेंज 2,000 किमी (1,240 मील) तक है.
सीएनएन की एक रिपोर्ट की मानें, तो ईरान ने बीते एक अक्टूबर को जब इजरायल पर 150 से ज्यादा मिसाइल दागे थे, उनमें ‘शहाब-3’ बैलिस्टिक मिसाइलों की ही इस्तेमाल किया गया था. बैलिस्टिक मिसाइलों की ट्रैजेक्टरी उन्हें धरती के वायुमंडल के बाहर या उसके पास ले जाती है. इसके बाद, वारहेड पेलोड उस रॉकेट से अलग हो जाता है जिसने उसे ऊपर उठाया था और फिर वह वायुमंडल में वापस प्रवेश करता है और अपने टारगेट पर गिरता है.
बर्लिन स्थित ईरान की मिसाइलों के एक्सपर्ट और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के मेंबर फैबियन हिंज ने कहा कि सोशल मीडिया पर लॉन्च के वीडियो की लोकेशन और इज़रायल की दूरी के आधार पर, उन्होंने आकलन किया था कि 1 अक्टूबर को ईरान ने सॉलिड और लिक्विड फ्यूल वाली मिसाइलों का कॉम्बिनेशन को फायर किया था.
इन बैलिस्टिक मिसाइलों के अलावा अब ईरान के जखीरे में हाइपरसोनिक मिसाइलें भी हैं. ईरानी मीडिया इरना के मुताबिक, तेहरान ने जून 2023 में अपना पहला हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल ‘फतह-1’ तैयार कर लिया, जिसका मतलब है कि यह आवाज की गति से पांच गुना तेज, यानी लगभग 3,800 मील प्रति घंटा (6,100 किलोमीटर प्रति घंटा) की रफ्तार से अपने टारगेट की तरफ जाता है. दिचचस्प बात यह है कि यह मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम को भी चकमा देने की ताकत रखता है.
इसी तरह से, हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) वॉरहेड से लैस ‘फतह-2’, जो मिसाइल की स्पीड को आवाज की गति (MACH) 5 से 20 पर मैन्युवर और ग्लाइड करने की ताकत देता है. फतह-2 की रेंज 1,500 किमी है, जो फतह-1 से थोड़ी ही अधिक है.