सम्पूर्ण समाधान दिवस में डीएम ने सुनी फरियादियों की समस्याएं

डीएम ने पिछले तहसील दिवस में आई शिकायतों के मामले में पीड़ितों से काल कर फीडबैक लेने के दिए निर्देश

निष्पक्ष प्रतिदिन/मलिहाबाद,लखनऊ

शनिवार को सम्पूर्ण समाधान दिवस में मलिहाबाद पहुंचे डीएम ने फरियादियों की समस्याएं सुनी और अधिकारियों को निर्देश दिए की पिछले समाधान दिवस में आए पीड़ितों से फोन करके फीडबैक ले और सभी प्रकरणों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें।

तहसील समाधान दिवस में मलिहाबाद बार एसोसिएशन द्वारा डीएम को पत्र देकर सहायक पुलिस आयुक्त का कोर्ट मलिहाबाद में बनाए जाने की मांग की है। वकीलों ने बताया की माल,मलिहाबाद, रहिमाबाद क्षेत्र के लोगों को सहायक पुलिस आयुक्त का कोर्ट ना होने की वजह से बहुत परेशानी झेलनी पड़ रही है। बार एशोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता जे0 के0 सिंह ने तहसील दिवस मे सौपें गये 8 सूत्रीय मांग पत्र में बताया कि मलिहाबाद की सीमा के 66 गांवों को सदर तहसील से हटाकर उन्हें मलिहाबाद तहसील से जोडा जाये। इसके साथ ही उपजिलाधिकारी न्यायिक की कोर्ट मलिहाबाद मे चलाई जाये। उन्होंने बताया कि सहायक पुलिस आयुक्त मलिहाबाद के बैठने का स्थान तो मलिहाबाद मे है मगर कोर्ट न होने से स्थानीय लोगों को परेशान होना पड रहा है। इसके साथ ही तहसील मलिहाबाद मे अधिवक्ताओं की अन्य समस्याओं को दूर करने की मांग भी ज्ञापन के माध्यम से उठाई गयी। वहीं ग्राम पंचायत हसनापुर से शिकायती पत्र दिया गया कि गांव में सत्तर के दशक से खाली पड़ी भूमि को 2001 से कुछ रसूखदार लोगों ने कब्जे करना शुरू कर दिया था।

इसको लेकर इस भूमि के दावेदारों के बीच झगडे भी हो चुके हैं। करीब 60 बीघा रकबे में से 10 बीघा जमीन जिस पर गांव के बच्चे खेलते थे उस भूमि को रातों-रात किसी ने जुतवा दिया। पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने अभिलेखागार से जब इन जमीनों के आकार पत्र 41 वा 45 निकाले तो यह भूमि भू-दान यज्ञ समिति के नाम अंकित है। ग्रामीण बुजुर्गों ने बताया कि 1975 से 1985 के बीच देवरिया जिले के कुछ लोग इस जमीन के संरक्षक दर्ज थे। उन्होंने इस जमीन को बेचने का कई बार प्रयास किया लेकिन राजस्व विभाग द्वारा जमीन का क्रय विक्रय ना होने की बात कही गई थी। जिसके बाद इस जमीन को वह लोग छोड़कर चले गए थे और आज तक कोई भी जमीन का वारिस नहीं लौटा फिर भी भूमि का नामांतरण हो गया। कूट रचित तरीके से किए गए इस घोलमोल की जांच कराए जाने की मांग की गई है। इसके साथ ही कुल मामले 95 आए जिसमें 33 मामलों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया।

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