सीतापुर । विकासखंड बिसवा की ३३ वर्षीय सुनीता वर्मा (पैतृक गांव गोडा, मछरेहटा) स्नातक (बीए) है सुनीता के दो बच्चे हैं जो कक्षा 6 एवं कक्षा 4 में पढ़ते हैं। पति संतोष वर्मा बेरोजगार हैं, परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने एवं भूमिहीन होने के कारण परिवार के भरण पोषण के लिए २.५ बीघा किराए की जमीन लेकर मिलकर खेती का कार्य करते है।
सुनीता स्वयं सहायता समूह भी चलती हैं वर्ष 2018 में कृषि विज्ञान केंद्र कटिया , सीतापुर में ग्रामीण महिला तकनीकी पार्क अंतर्गत 15 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त किया फलस्वरूप प्रेरित होकर कृषि के विभिन्न आयामों में समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित कराकर विभिन्न प्रकार के उत्पाद जैसे हर्बल गुलाल, गोबर के बने दिए, धूपबत्ती,गमले, कृषि अवशेषों से चारकोल ब्रैकेट निर्माण, मोमबत्ती अगरबत्ती जैसे उत्पाद तैयार कर विभिन्न माध्यमों से बिक्री भी कर समूह की महिलाओं को भी प्रेरित करती है।
वर्ष 2023 में कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से एवं इफको सीतापुर के सहयोग से ड्रोन पायलट में चयन हुआ इसके उपरांत इफको कार्डेट यूनिट फूलपुर में प्रशिक्षण प्राप्त कर किसानों के खेतों में ड्रोन स्प्रे का कार्य कर रही हैं अब तक जनपद सीतापुर के 35 एकड़ किसानों के खेतों में ड्रोन द्वारा सफलतापूर्वक स्प्रे भी कर चुकी हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र कटिया सीतापुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ दयाशंकर श्रीवास्तव ने बताया कि सुनीता वर्मा की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण बच्चों की फीस भी कभी-कभी नहीं भर पाती थी जिसे सुनकर मन में पीड़ा होती थी। वर्ष 2023 में जब सूचना मिली कि भारत सरकार द्वारा ड्रोन दीदी योजना शुरू की गई है एवं इसको के द्वारा चयन किया जाना है फिर क्षेत्रीय प्रबंधक शिव शुक्ला से बात कर सुनीता वर्मा के नाम का प्रस्ताव भेजा गया तथा कई चरण इफको के अधिकारियों द्वारा साक्षात्कार उपरांत फाइनल चयन किया गया।
आज माननीय प्रधानमंत्री जी ने जब सुनीता से बात की तो बहुत खुशी हुई एवं महिला उनके सशक्तिकरण वव आत्मनिर्भर बनाने की भारत सरकार के पहल एवं सहयोग की सराहना करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र कटिया सीतापुर परिवार की ओर से सुनीता वर्मा को ढेरों शुभकामनाएं देता हूं।
ड्रोन तकनीक
प्रधानमंत्री के प्रयासों से अब कृषि में ड्रोन तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है जो कि नए भारत का परिचारक है ड्रोन तकनीक से समय की बचत, जल की बचत, पूंजी की बचत एवं मुख्य बात यह कि फसल स्थिति के आधार पर पोषक तत्व एवं दवा की सटीक मात्रा सम्यक रूप से पौधों को मिल रही है कीटनाशक एवं फफूदनाशक छिड़काव करते समय जो सरकार के दिशा-निर्देश है उनके अनुपालन में किसी भी प्रकार से चूक हो जाने पर किसानों के साथ अक्सर दुर्घटनाएं होती थी एवं कृषि आदान व्यापारियों द्वारा मनमानी करने पर भी लगाम लगेगी और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।