नई दिल्ली। देश के कई क्षेत्र में टमाटर के दाम 100 रुपये के पार पहुंच गए हैं। आम जनता ने महंगे टमाटर को लेकर काफी परेशान है। कई लोगों का कहना है कि उन्होंने टमाटर खाना ही बंद कर दिया है। आम जनता टमाटर की कीमतों में नरमी का इंतजार कर रहे हैं।
टमाटर की कीमतों को लेकर नया अपडेट सामने आया है। सरकारी अधिकारी ने बताया कि आने वाले हफ्ते में देश की राजधानी दिल्ली में टमाटर के दाम में नरमी आएगी। हालांकि अभी राजधानी दिल्ली में टमाटर 75 रुपये प्रति किलो के भाव पर पहुंच गई है। दक्षिणी राज्यों से आने वाले टमाटर सप्लाई में इन्प्रूवमेंट होने के बाद टमाटर की कीमतों में नरमी आएगी।
सरकारी अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि आलू और प्याज की कीमतों में भी जल्द नरमी देखने की उम्मीद है। सप्लाई में कमी आने की वजह से इनके दाम बढ़े थे।
दिल्ली समेत कई शहरों में आलू, टमाटर, प्याज के दाम आसमान को छू रहे हैं। हीटवेव और भारी बारिश की वजह से इनकी सप्लाई सही से नहीं हुई और कई जगह पर फसल भी खराब हो गए। सही मात्रा में प्रोडक्शन न होने की वजह से और आपूर्ति की कमी की वजह से इनके दाम बढ़ गए थे।
नई दिल्ली में टमाटर की कीमत बढ़कर 75 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है, लेकिन अगर आगे भारी बारिश की वजह से सप्लाई पर कोई असर नहीं पड़ता है तो इनकी कीमतों में नरमी आने की संभावना है।
टमाटर की अभी क्या है कीमत
मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 12 जुलाई 2024 को दिल्ली में टमाटर की खुदरा कीमत 75 रुपये प्रति किलोग्राम थी। यह एक साल की अवधि में 150 रुपये प्रति किलोग्राम थी। वहीं आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले मुंबई में टमाटर की कीमत 83 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि कोलकाता में इसकी कीमत 80 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य के अनुसार 12 जुलाई 2024 को टमाटर के दाम 65.21 रुपये प्रति किलोग्राम था, जबकि पिछले साल यह 53.36 रुपये प्रति किलोग्राम था।
अभी दिल्ली को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से टमाटर की सप्लाई मिल रही है। अधिकारी ने बताया कि जैसे ही आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से हाइब्रिड टमाटर की सप्लाई राष्ट्रीय राजधानी में होने लगेंगी इनकी कीमतों में कमी होने लगेंगी।
क्या सरकार कर रही है कोई प्लानिंग
इस साल सरकार टमाटर की सब्सिडी वाली बिक्री की योजना शुरू नहीं कर रही है। पिछले साल सरकार ने टमाटर की सब्सिडी वाली बिक्री योजना लागू किया था। आपको बता दें कि पिछले साल टमाटर की कीमत 110 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा हो गई थी। ऐसे में टमाटर की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया था।
सरकारी अधिकारी ने विश्वास जताया कि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से सप्लाई में सुधार होने के बाद 1-2 सप्ताह के भीतर ही टमाटर की कीमत सामान्य हो जाएंगी।
अधिकारी ने यह भी बताया कि भारत के पास 283 लाख टन आलू भंडारित है। यह पिछले वर्ष की तुलना में कम उत्पादन के बावजूद घरेलू मांग को पूरा करने के लिए काफी है। महाराष्ट्र के थोक बाजारों में प्याज की कीमतें कम हो गई हैं, सितंबर में नई फसल के आने के साथ प्याज की कीमतों में और गिरावट आने की उम्मीद है।
भारी बारिश की वजह से टमाटर, आलू, प्याज और हरी सब्जियों के सप्लाई पर प्रभाव पड़ा था, जिस वजह से इनके दाम चढ़ गए। सरकार आने वाले हफ्तों में इनकी कीमतों में नरमी को लेकर आशावादी बनी हुई है। अगर मौसम की स्थिति प्रतिकूल रही तो जल्द ही टमाटर, आलू, प्याज की कीमतों में गिरावट आएगी।