सिद्धांत की राजनीति के प्रतिमूर्ति थे सगीर साहब: रामगोविंद चौधरी

पुण्यतिथि पर सादगी से याद किए गए समाजवादी चिंतक स्वर्गीय सगीर अहमद, लोगों ने किया नमन

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रहे रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री चंद्रशेखर और उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के मित्र रहे समाजवादी चिंतक सगीर अहमद ने हमेशा सिद्धान्त की राजनीति की। उन्होंने कभी नीतियों से समझौता नहीं किया। अपने इसी चरित्र की वजह से कभी एमएलए, एमपी या मंत्री नहीं बने। सगीर साहब किसी भी एमएलए, एमपी और मंत्री से बड़े थे। शुक्रवार को गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट के तत्वावधान में स्व. सगीर अहमद की चौथी पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित स्मृति दिवस समारोह में श्री चौधरी ने कहा कि सगीर साहब का जीवन निष्कलंक था। वह कुछ खुद बनने के नहीं, दूसरों को बनाने के मास्टर थे। वह देना जानते थे, लेना नहीं, इसलिए सभी लोग उनका सम्मान करते थे। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को सगीर साहब के इस चरित्र से प्रेरणा लेनी चाहिए। समाजवादी आंदोलन के वरिष्ठतम साथियों में शुमार समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि असली समाजवादी समाज से न्यूनतम लेता और अधिकतम देता है। सगीर साहब ने तो न्यूनतम भी नहीं लिया।

आज की राजनीति में उनके जैसा होना बहुत कठिन है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद आचार्य नरेन्द्र से प्रभावित होकर वह समाजवादी आन्दोलन में शामिल हुए और समाजवाद का अलख जगाते हुए दुनिया से चले गए। उनका जीवन सदभावना और भाईचारा को समर्पित था। उनके इस समर्पित जीवन को शत शत सलाम। श्री शर्मा ने कहा कि गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट बाराबंकी से उनका व्यक्तिगत लगाव था। उनका नहीं होना ट्रस्ट को हर पल खलता है और खलता रहेगा। सगीर साहब को बेदाग समाजवाद की चलती फिरती तस्वीर बताते हुए लोकनायक जयप्रकाश नारायण ट्रस्ट लखनऊ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी ने कहा कि सगीर साहब सभी धर्मों का सम्मान करते थे लेकिन वह धर्म के पाखंड को कभी स्वीकार करते थे जो आज की सबसे बड़ी जरुरत है। सभा की अध्यक्षता लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति, उत्तर प्रदेश के संयोजक एवं वरिष्ठ पत्रकार धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने कहा कि सगीर अहमद समाजवादी आंदोलन में संत परंपरा के संवाहक थे। उनके जीवन में व्यक्तिगत हित, पद, संपत्ति का कोई स्थान नहीं था। वह चाहते थे कि सामाजिक जीवन में आई नई पीढ़ी भी इसे आत्मसात करे। सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस मौके पर मुख्य रूप से समाजसेवी सलाहउद्दीन किदवई, पूर्व प्रधान ज्ञान सिंह यादव, समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव हुमायूं नईम खान, सभासद अरूण यादव, लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव उमानाथ यादव सोनू, हसमत अली, मृत्युंजय शर्मा, सभासद अश्वनी शर्मा शिवा, अशोक शुक्ला, विजय कुमार सिंह मुन्ना, साकेत मौर्य, लाल बहादुर रावत, संतोष शुक्ला, राजेश यादव, जितेन्द्र कुमार आदि कई लोग मौजूद रहे।

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