कटरा। सागर के सबसे व्यस्त इलाके कटरा तीनबत्ती चौराहे पर एक पुलिसकर्मी ने अचानक खुद पर ऑयल डालकर आग लगाने की कोशिश की। हालांकि गनीमत ये रही कि पास में सेवादल और कांग्रेस नेता और राहगीर मौजूद थे, जिन्होंने पुलिसकर्मी को आत्मदाह करने से रोक लिया। कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे ने पुलिसकर्मी को काफी समझाया, जिसके बाद जाकर मामला शांत हुआ है।
पुलिसकर्मी खुद को आग लगाने की कोशिश, 7 बजे का है मामला
मिली जानकारी के मुताबिक मामला 7 बजे का है। पुलिसकर्मी राजेश राठौर तीनबत्ती चौराहे पर पहुंचा। उसके पास कुछ आवेदन थे। उसने अचानक खुद के ऊपर इंजन ऑयल डाल लिया। साथ ही माचिस की तीली जलाने लगा, जिसे देख आसपास मौजूद लोग दौड़े और पुलिसकर्मी को पकड़ लिया।
इस बात से परेशान था पुलिसकर्मी
सूचना मिलते ही कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और आरक्षक को अपने साथ ले गई। पुलिसकर्मी राठौर ने कुछ दिन पहले पुलिस अधिकारियों को एक आवेदन दिया था, जिसमें उसने इच्छामृत्यु मांगी थी। इस आवेदन में उसने लिखा था कि थाना कैंट में उसकी रिपोर्ट पर आरोपियों के खिलाफ धारा 294, 147, 506 का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन तीन साल 10 महीने के बाद भी न्यायालय में चालान पेश नहीं करने और आरोपियों के खिलाफ उचित धाराएं नहीं बढ़ाए जाने से दुखी होकर यह कदम उठाना पड़ा।
पुलिसकर्मी खुद को आग लगाने की कोशिश
पुलिसकर्मी राठौर ने बताया कि वह पहले भी कार्रवाई की मांग को लेकर कई बार आवेदन दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हाल ही में 3 नवंबर को एसपी कार्यालय में आवेदन दिया था, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा।
बीजेपी प्रत्याशी पर लगाए गंभीर आरोप
पुलिसकर्मी का आरोप है कि नरयावली विधायक और बीजेपी प्रत्याशी इंजीनियर प्रदीप लारिया के दबाव में पुलिस चालान पेश नहीं कर रही। उन्होंने कुछ पुलिस अफसरों पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं इस पूरे घटनाक्रम के बाद बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप लारिया का कहना है कि मैं इस पुलिसकर्मी को जानता तक नहीं हूं। मुझे लगता है आरक्षक का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। मेरा नाम क्यों ले रहा है, यह मेरी समझ से बाहर है। उन्होंने आरक्षक द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों को एक सोची समझी साजिश करार देते हुए मामले की शिकायत सागर पुलिस अधीक्षक से करने की बात कही है।
आरक्षक का मेडिकल चेकअप कराया जा रहा
आरक्षक द्वारा खुद के ऊपर इंजन ऑयल डालकर आत्महत्या करने के मामले में सागर एडिशनल एसपी का कहना है कि आरक्षक छतरपुर में पदस्थ है। साल 2016 में कई मेडिकल बिल उसने विभाग में प्रस्तुत किए थे, कागज में कुछ कमी होने से वह पास नहीं हो पाए, जिसको लेकर आरक्षक इस प्रकार का कदम पहले भी उठ चुका है। आरक्षक का मेडिकल कराया जा रहा है।