“महामहोपाध्याय बाबा बैजनाथ की साहित्यिक विरासत” विषयक व्याख्यान का हुआ आयोजन
बाराबंकी। संत कवि बाबा बैजनाथ राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरख में शनिवार को उत्तर प्रदेश सरकार एवं भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में संचालित ‘कल्चरल क्लब’ कार्यक्रम के अंतर्गत स्थापित “बाबा बैजनाथ कल्चरल क्लब” द्वारा “महामहोपाध्याय बाबा बैजनाथ की साहित्यिक विरासत” विषयक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं वंदन के साथ हुआ। इस व्याख्यान के वक्ता बतौर मुख्य अतिथि डॉ. अनिल कुमार सिंह, सहा. आचार्य- हिन्दी, राम सहाय राजकीय महाविद्यालय, बैरी शिवराजपुर, कानपुर रहे। आपने बाबा बैजनाथ के संपूर्ण जीवन परिचय देते हुए कहा कि अवधी साहित्य में तुलसी दास के बाद दूसरा नाम संत कवि बाबा बैजनाथ का ही आता है। विशिष्ट अतिथि के रूप में बाबा बैजनाथ के वंशज श्री राम प्रताप सिंह ने बाबा बैजनाथ का कवित्त “कानन सुयश राम ध्यान मन माहि देखि, श्याम रूप नैन बैन राम गुन गाईहों” सुनाकर सभी का मन मोह लिया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में कमोली धाम कुटिया, बाराबंकी के महंत डॉ. विनय दास ने कहा कि बाबा बैजनाथ बड़े कवि होने के साथ-साथ वह बड़े अभिनेता भी थे। वह स्वयं नाटक लिखते थे और उसी नाटक में जनक की भूमिका भी निभाते थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. मंजरी नौटियाल ने कहा कि इस महाविद्यालय का नाम साहित्य के महान कवि के नाम पर होना, हम सभी को गौरव का एहसास कराता है। व्याख्यानोंपरांत, 22 जुलाई को हुई लोकगीत गायन प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। जिसमें प्रथम स्थान दिव्या शर्मा, एमएससी तृतीय सेमेस्टर जंतुविज्ञान, द्वितीय स्थान शालिनी, बीएससी पंचम सेमेस्टर तथा तृतीय स्थान पर नर्गिस और तुषा वर्मा बी.ए. तृतीय सेमेस्टर ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया। कल्चरल क्लब के समन्वयक डॉ. रामलाल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन कल्चरल क्लब प्रभारी डॉ. अजीत कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में विशेष सहयोग प्रदान करने वाले डॉ. सुनील कुमार तथा महाविद्यालय के प्राध्यापकगण, विद्यार्थी एवं कार्मिक उपस्थित रहे।