शिवपुरी। अवैध कनेक्शनों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए नगर पालिका ने पंप अटेंडर को वैध-अवैध कनेक्शनों की जांच के लिए नियुक्त किया है। वहीं, शहर के उपभोक्ताओं की ओर से इस मामले में भी सतर्कता बढ़ाई जा रही है।
अवैध कनेक्शनों को वैध कराने के लिए नगर पालिका द्वारा चेतावनी दी गई है और उन्हें संशोधित भुगतान योजनाएं प्रस्तुत की जा रही हैं। नगर पालिका ने यह भी तय किया है कि अवैध कनेक्शनों के संबंध में कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि नगर के नियमों का पालन किया जा सके।
शिवपुरी शहर के 39 वाहों में कितने वैध और कितने अवैध नल कनेक्शन हैं, इसकी डिटेल अब पंप अटेंडर तलाशेंगे। इसके निर्देश नगर पालिका अधिकारियों ने पंप अटेंडर बैठक लेकर दिए हैं।
खास बात यह है कि वर्तमान में मड़ीखेड़ा पानी सप्लाई से शहर के 25 हजार कनेक्शन नगर पालिका ने दिए हैं और इनमें से मात्र 10 हजार कनेक्शन की राशि हर माह जमा हो पा रही है। ऐसे में अब नगर पालिका ने अवैध कनेक्शन को वैध कराने को चेतावनी दी है अन्यथा की स्थिति में एक आई आर दर्ज कराने की बात कही है।
नगर पालिका को प्राप्त हो रही महज 10 हजार कनेक्शन की भुगतान
नगर पालिका परिषद शिवपुरी शहर के 39 वाड़ों में पानी की सप्लाई या तो टयूबवेल के जरिए करती है या फिर बाड़ों लाइन का 2700 रुपए में कनेक्शन देकर करती है। ऐसे में शहर के अधिकांश बाड़ों में हालात यह हैं कि उपभोक्ताओं ने नल के कनेक्शन तो ले लिए हैं लेकिन मासिक बिल जो 100 रुपए महीने का है वह जमा नहीं हो पा रहा। नपा की जल शाखा देखने वाले अधिकारी एई सचिन चौहान ने बताया कि हमारे कुल कनेक्शन 25 हजार के करीब हैं जिनमें से महज 10 हजार कनेक्शन की भुगतान राशि नगर पालिका को प्राप्त हो रही है।
नगर पालिका को हर माह तकरीबन 25 लाख रुपए का जलकर मिलना चाहिए और महज 8-10 लाख रुपए का मासिक प्रीमियम जमा हो रहा है। ऐसे में नगर पालिका की बड़ी परेशानी यह है कि उसने उपभोक्ताओं को शहर के 39 वार्ड में कनेक्शन तो दे दिए लेकिन किस व्यक्ति ने कहां और कब कनेक्शन लिया उसका भुगतान हो रहा है कि नहीं इस पर फोकस नहीं कर सकी।
अब जब लोकसभा चुनाव की बारी निकल गई तो नगरपालिका अब सख्त रवैया अख्तियार कर 2-3 साल से पेंडिंग राशि को वसूलने की तैयारी में है।
शहर के 39 बाड़ों में लगे पानी की ट्यूबवेल लाइन से वार्ड में पानी सप्लाई के लिए 241 टेंडर पंप खोलने और बंद करने का काम करते हैं। गर्मी के दिनों में कई पंप तो बंद पड़े हैं और कई पंपों को ओपन कर दिया है। जिसकी वजह से पं अटेंडर अपनी डयूटी वार्ड में निभा ही नहीं रहे।
यही नहीं हालात यह हैं कि कोई पंप अटेंडेंट स्वच्चाता वाहन चला रहा तो कोई पार्क में माली का काम कर रहा है। ऐसे में पंप अटेंडर काम कैसे करेंगे यह बडा सवाल है। क्योंकि 241 पंप अटेंडर सूची है और काम आधे भी नहीं कर रहे हैं। यदि पंप अटेंडर ही सूची बनाकर दे देते तो नहीं होती नपा को राजस्व वसूली की परेशानी नहीं होती।
मड़ीखेड़ा लाइन नहीं दे पा रही पानी
इस पूरे मामले में बड़ा सवाल यह है कि मडीखेड़ा सप्लाई लाइन से नियमित पानी नया नहीं पिला पा रही। आए दिन लाइन बंद हो जाती है एक दिन छोड़कर भी कई वार्ड में पानी सप्लाई नहीं है। वार्ड 13 मनियर, वार्ड 36, वार्ड 32, वार्ड 37 नंबर में अकर टैंकर के जरिए पानी सप्लाई होती है। ऐसे में उपभोक्ताओं से वसूली के साथ सप्लाई पर भी फोकस करें।
एक महीने की टाइम लिमिट, वर्ना अटेंडर का कटेगा वेतन
नगर पालिका के अधिकारियों ने जो टाइम लिमिट पंप अटेंडर को दी है यह 30 दिन यानि एक महीने की है। ऐसे में यदि वैध-अवैध कनेक्शन की सूची बनाकर नगर पालिका कर्मचारियों ने नहीं दी हो फिर पंप अटेंडर का मासिक वेतन कटेगा। इसलिए पंप अटेंडर को यह काम 30 दिन में करना होगा और जिनके अवैध कनेक्शन हैं उन्हें वैध कराने भी कहना होगा। यदि अवैध कनेक्शनधारी फिर भी वैध नहीं कराते हैं तो फिर ऐसे नामों की सूची बनाकर पंप अटेंडर नगर पालिका को देंगे और फिर इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की कार्रवाई होगी।
तो एफआईआर कराएंगे
पानी व्यवस्था प्रभारी अधिकारी सचिन चौहान, का कहना है कि हमने पंप अटेंडर की बैठक ली। उनसे 30 दिन में वैध-अवैध कनेक्शन को सूबी मांगी है। शहर में 25 हजार नल कनेक्शन हैं और भुगतान 10 हजार कनेक्शन धारी कर रहे है। ऐसे अवैध कनेक्शन को चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। समझाइश के बाद भी नहीं मानते तो फिर हम सीधी एफआईआर कराएंगे।