व्यक्ति निर्माण की कार्यशाला है संघ की शाखा….गंगा सिंह

  • आरएसएस के शाखा संगम में 26 बस्तियों के स्वयं सेवक हुए शामिल।
    वंदे मातरम, भारत माता की जय के उदघोष से गुंजा स्टेडियम

बाराबंकी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा स्थानीय केडी सिंह बाबू स्टेडियम में रविवार को शाखा संगम कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे नगर में जगह – जगह लगने वाली सभी 26 बस्तियों की शाखाओं को एक साथ लगाने का अभिनव प्रयोग हुआ।सभी शाखाओं के मुख्य शिक्षक एवं शाखा कार्यवाह अपने ध्वज एवं सैकड़ों स्वयंसेवकों को लेकर स्टेडियम में एकत्रित हुए। एक ही प्रांगण में इतनी शाखा एवं उनके ध्वज उपस्थित लोगों का मन मोह रहे थे।बतौर मुख्यवक्ता बोलते हुए आरएसएस के प्रांत संपर्क प्रमुख गंगा सिंह ने कहा कि संघ की शाखाओं में व्यक्ति की शारीरिक,मानसिक व बौद्धिक क्षमताओं का विकास होता है। संघ की शाखा व्यक्ति निर्माण की कार्यशाला है।उन्होंने कहा कि संघ संस्थापक डॉ हेडगेवार की 1925 में शुरू की गई शाखा के 99 वर्ष की लंबी यात्रा का सारांश नगर की शाखा संगम में देखने को मिल रहा है। कहा कि शाखा हमारी कार्य पद्धति की प्रमुख विशेषता है।उन्होने कहा कि कदम से कदम मिलाना अनुसाशन की पहली सीढ़ी है।कहा कि वसुधैव कुटुंबकम् भारत का दर्शन है और सर्वे भवन्तु सुखिनः भारत की सनातन परंपरा रही है। विश्व कल्याण के लिए भारत विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है।उन्होंने कहा भेदभाव मुक्त समरस समाज की स्थापना संघ का लक्ष्य है। उन्होने स्वयं सेवकों को बताया कि आरएसएस विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन है जिसकी विश्व के 50 से अधिक देशों में शाखाएं है। इस दौरान वंदे मातरम, भारत माता की जय, हर-हर बम-बम के नारों की गूंज दूर तक फैलती रही। अध्यक्षता हंसानंद आश्रम के स्वामी अमृतानंद तीर्थ महाराज ने की। संघ प्रार्थना ‘ नमस्ते सदा वत्सले मातृ भूमे ‘ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर जिला प्रचारक सुदीप ,नगर संघ चालक विष्णु प्रताप, प्रभात,अनुपम,शैलेंद्र, अजय , शुभम , यशपाल, पारितोष , कपिल, आशीष,अमितेश, अविनाश, सर्वेश, शिवम, मौजूद रहे।

नियमित कार्यक्रमों की प्रस्तुति को सभी ने सराहा।
संघ के शाखा संगम कार्यक्रम में शाखाओं पर होने वाले नियमित कार्यक्रम की प्रस्तुति का आम नागरिकों ने खूब लुत्फ उठाया।इन कार्यक्रमो में शाखा लगाना, खेलकूद, समता, योग एवं आसन, गीत, सुभाषित अमृत वचन आदि शामिल रहे।वरिष्ठ स्वयंसेवकों के खेलकूद विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।

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