गौवंशो को छुट्टा छोड़ने वाले पशुपालक पर अब लगेगा जुर्माना और होगी एफआईआर:डीएम

  • 01 नवंबर से चलाये जा रहे निराश्रित गोवंश के विशेष अभियान अब 31दिसंबर 2023 तक चलेगा
  • लखनऊ 01 नवंबर से चलाये जा रहे निराश्रित गोवंश के विशेष अभियान 31दिसंबर 2023 तक चलाए जाने के संबंध में जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आहूत की। बैठक में पंचायतीराज विभाग, नगर विकास विभाग,राजस्व विभाग,गृह विभाग, ग्राम्य विकास विभाग एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। उक्त के साथ ही शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी डा. अरुण कुमार जालौन निदेशक पशुपालन विभाग उत्तर प्रदेश भी उपस्थित रहे। बैठक में जिलाधिकारी ने गोवंश संरक्षण के सम्बन्ध में वर्तमान में की जा रही कार्रवाई के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए शासन की इच्छा के अनुरूप अभियान चलाये जाने के सख्त निर्देश दिये। विभिन्न विभागों के उपस्थित अधिकारियों से अपेक्षा की गयी कि 31दिसंबर 2023 की समय सीमा से पूर्व दिसम्बर प्रथम सप्ताह तक जनपद लखनऊ में विचरण कर रहे समस्त निराश्रित गोवंशों का संरक्षण नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाना सुनिश्चित किया जाए।साथ ही उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्र में गो संरक्षण के कार्यो का अनुश्रवण नगर आयुक्त एवं ग्रामीण क्षेत्र में उपजिलाधिकारी नोडल अधिकारी के रूप में अपने दायित्व का निर्वहन करेंगे। जनपद की समस्त न्याय पंचायतों में निराश्रित गोवंश का सर्वे पशुधन प्रसार अधिकारी एवं ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा पृथक-पृथक रूप से करते हुए पशु चिकित्साधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी के माध्यम से सूचना संकलित कराई जाये। उन्होंने नगर पंचायतों के सर्वे का कार्य अधिशासी अधिकारी द्वारा स्वयं कराया जाये साथ ही आंकलित निराश्रित गोवंश की संख्या को ध्यान में रखते हुए विकास खण्डवार कार्य योजना तथा टीमों /दस्तों का गठन, कैटल कैचर की मैपिंग, उपयुक्त गो आश्रय स्थलों का चिंहाकन तथा ग्राम प्रधानों से वार्ता का कार्य सम्पादित किये जाने के निर्देश दिये। बैठक में जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि नगर निगम क्षेत्र की भांति प्रत्येक न्याय पंचायतों में भी एक एक कांजी हाउस की स्थापना कराई जाए और छुट्टा पशुओं को उसमे रख कर गौपालक/पशुपालक पर कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाए। वहीं ग्राम प्रधानों, ब्लाक प्रमुखो, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत सदस्यों आदि से वार्ता कर जनमानस तक यह संदेश पहुचाने का प्रयास किया जाये कि कोई भी पशुपालक अपने गोवंश को छुट्टा छोडता है तो उसके विरूद्ध कांजी हाउस की व्यवस्था के लिये निर्धारित आर्थिक दण्ड एवं पुलिस अभिरक्षा (151 या 107/16 के अंतर्गत) की कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। जिलाधिकारी श्री गंगवार ने यह भी निर्देश दिए कि आगामी 7 दिनों तक जो भी गौपालक/पशुपालक अपने पशुओं(गौवंशो) को अपने पास रखने के सक्षम नहीं है।तो वह स्वयं अपने पशुओं(गौवंशो) को कांजी हाउस में छोड़ आए, अन्यथा 7 दिनों के पश्चात जिस भी गौपालक/पशुपालक का पशु छुट्टा पाया जाएगा उसके विरुद्ध आर्थिक दण्ड एवं पुलिस अभिरक्षा की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि यह प्रावधानित किया जाता है कि ऐसे गौपालक/पशुपालक के विरुद्ध हेवी पेनल्टी की जाएगी।

दोबारा पकड़े जाने पर एफआईआर और दोगुना जुर्माना और तीसरी बार पकड़े जाने पर एफआईआर और तिगुना जुर्माना किया जाएगा।जिलाधिकारी श्री गंगवार ने कहा कि गोसंरक्षण अभियान के बारे में आम जनमानस की जानकारी देने के लिये एक केन्द्रीयकृत मोबाईल न0 9335304152 जारी किया जा रहा है। जिस पर आम जनता द्वारा भी निराश्रित गोवंश की सूचना दी जा सकती है। उक्त के साथ ही निर्देश दिया कि यदि रात में भी कहीं पर पशुओं को छोड़ने की सूचना प्राप्त होती है। तो तत्काल टीम के द्वारा ऐसे पशुओं को पकड़ना सुनिश्चित किया जाए। जिसके लिए प्रत्येक गांव में 5 लोगो की टीम बना कर इस कार्य को कराया जाए।गो संरक्षण के कार्य को प्राथमिकता के आधार पर जनपद में चिन्हित हाट स्पाट जैसे शहरी क्षेत्र, सरोजनी नगर से बनी तक , पीजीआई से मोहनलालगंज तक, अर्जुनगंज से गोसाईगंज तक, छठा मील से भैसामऊ तक एवं चन्द्रिका देवी से मार्ग तक तत्काल एक सप्ताह के अन्दर कर लिया जाये। गोवंश संरक्षण की सप्ताहिक समीक्षा मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में होगी।

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