वाराणसी। ज्ञानवापी के एक मामले में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से दाखिल स्थगन प्रार्थना पत्र पर अदालत ने 300 रुपये का हर्जाना लगाया है। ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग के पूजा-पाठ का अधिकार देने और इसमें बाधा उत्पन्न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर वाराणसी के बजरडीहा निवासी विवेक सोनी व चितईपुर निवासी जयध्वज श्रीवास्तव की ओर से 25 मई 2022 को सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) प्रशांत कुमार सिंह की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से कहा गया कि उनके वरिष्ठ वकील शहर से बाहर हैं, लिहाजा कार्यवाही को स्थगित करते हुए कोई दूसरी तारीख दी जाए। इस पर दोनों वादियों के वकील देशरत्न श्रीवास्तव व नित्यानंद राय ने कड़ी आपत्ति जताई।
दी गई ये दलील
दलील दी कि कई अवसर दिए जाने के बाद भी प्रतिपक्ष की ओर से जवाब अथवा आपत्ति दाखिल नहीं की गई। अदालत ने आपत्ति दाखिल करने का अंतिम अवसर देते हुए सुनवाई की तारीख चार मई दी है।
सुनवाई की अगली तारीख 14 मई
ज्ञानवापी में मजारों का जिक्र करते हुए उर्स, चादरपोशी आदि की अनुमति देने की मांग को लेकर दाखिल मुकदमे में निचली अदालत के आदेश के खिलाफ लोहता निवासी मुख्तार अहमद अंसारी की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर मंगलवार को अपर जिला जज (सप्तम) अवधेश कुमार की अदालत में सुनवाई हुई। पुनरीक्षण याचिका पर आपत्ति दाखिल करने के लिए समय देने की प्रतिपक्ष की ओर से अपील की गई। अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए सुनवाई की अगली तारीख 14 मई दी है।
जिला जज की अदालत में दाखिल की गई थी याचिका
लखनऊ निवासी रंजना अग्निहोत्री, पवन पाठक, रामकुमार जायसवाल एवं अन्य की ओर से इस मुकदमे में पक्षकार बनाने का आवेदन सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत ने आठ फरवरी 2023 को स्वीकार किया था। इस आदेश के खिलाफ मुख्तार अहमद ने जिला जज की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की थी।
सभी को दी जा चुकी है पुनरीक्षण याचिका की प्रति
वर्तमान में इस याचिका की सुनवाई अपर जिला जज (सप्तम) की अदालत में चल रही है। पुनरीक्षण याचिका में प्रदेश सरकार, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद, वाराणसी के जिलाधिकारी व पुलिस आयुक्त, रंजना अग्निहोत्री समेत नौ लोग प्रतिपक्ष हैं। सभी को पुनरीक्षण याचिका की प्रति दी जा चुकी है।