ऐसे करें पितरों का तर्पण

नई दिल्ली। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन सच्चे भाव के साथ पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं उन्हें कभी पैसों की तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है। इसके साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण करना भी अच्छा होता है।

इस साल माघ पूर्णिमा 24 फरवरी यानी आज के दिन मनाई जा रही है। तो चलिए जानते हैं पूर्णिमा से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को, जो इस प्रकार हैं –

ऐसे करें पितरों का तर्पण

इस खास दिन तिल और कंबल का दान करना चाहिए। साथ ही काले तिल से हवन और पितरों का तपर्ण किसी पुरोहित से कराना चाहिए। इससे पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। बता दें, माघी पूर्णिमा के दिन पितरों की पूजा-अर्चना करने से सुख-सौभाग्य, धन-संतान तथा अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

पितृ पूजन मंत्र

  • ॐ पितृ देवतायै नम:
  • ओम आगच्छन्तु में पितर एवं ग्रहन्तु जलान्जलिम
  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
  • ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव चनम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:

माघ पूर्णिमा से जुड़ी बातें

माघ पूर्णिमा सबसे महत्वपूर्ण  दिनों में से एक है। इस दिन को पूर्णिमा दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस शुभ दिन पर साधक भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ चंद्रमा की पूजा करते हैं। यह दिन हिंदुओं के बीच बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। इस दिन कई प्रकार की धार्मिक विधियां भी होती हैं, जिनके शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं।

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