पटना। कड़ाके के ठंड के बीच शिक्षा विभाग के आला अफसरों और पटना के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह के बीच अधिकारों को लेकर लड़ाई चरम पर है।
विद्यालयों को बिना अनुमति लिए बंद रखने पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने मंगलवार को शिक्षा विभाग के आदेशों का उल्लंघन मानते हुए पटना के जिलाधिकारी से जवाब मांगा है।
इस संदर्भ में सोमवार को भी निदेशक ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर विद्यालयों को बंद किए जाने से पूर्व शिक्षा विभाग ने अनुमति लेने को कहा था। इधर, जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग का आदेश नहीं मानते हुए 25 जनवरी तक विद्यालयों को बंद करने का आदेश जारी किया है।
इससे पहले 23 जनवरी तक विद्यालयों को बंद करने का आदेश दिया गया था। विद्यालयों को बंद करने संबंधी नये आदेश पर नाराजगी व्यक्त करते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जिलाधिकारी द्वारा सोमवार को लिखे पत्र का जवाब देते हुए कहा है कि आपने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर धारा-144 सीआरपीसी के तहत विद्यालयों को बंद करने का निर्देश दिया था।
पहले के आदेशों में कोचिंग संस्थानों का उल्लेख नहीं था, लेकिन 21 जनवरी को आपके दिए आदेश में कोचिंग संस्थानों को बंद रहने का उल्लेख था।
20 जनवरी को अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों एवं जिलाधिकारियों को आदेश दिया था कि धारा-144 के तहत विद्यालय बंद करने की परंपरा गलत है। इस पर रोक लगनी चाहिए। सरकारी विद्यालयों को बंद करने से पहले विभाग से अनुमति लेना आवश्यक है।
डीएम के आदेश को न्यायालय में चुनौती नहीं देगा विभाग
निदेशक ने अपने पत्र में जिलाधिकारी से कहा है कि यदि आपके आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दें तो आपको कई बिंदुओं पर स्पष्टीकरण देना पड़ेगा और आपका आदेश न्यायिक समीक्षा पर खरा नहीं उतरेगा।
यह सरकार के दो विभिन्न अंगों का आपसी मामला है, इसलिए शिक्षा विभाग आपके आदेश को न्यायालय में चुनौती नहीं दे रहा है। लेकिन, आपसे यह आशा नहीं की जाती थी कि शिक्षा विभाग के स्पष्ट आदेश के बावजूद बिना अनुमति के आप विद्यालय बंद करेंगे।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर मंगलवार को राजधानी के अधिसंख्य सरकारी मध्य विद्यालयों को खोल दिया गया। इन स्कूलों में बच्चे आए और पढ़ाई भी हुई। राजधानी के अदालतगंज मध्य विद्यालय, सैदपुर राजकीय मध्य विद्यालय सहित अधिकांश विद्यालयों में पूर्व की तरह पढ़ाई हुई।
नौ बजे ही स्कूल खोल दिया गया स्कूल
बच्चों के लिए पूर्व निर्धारित समय के अनुसार सुबह नौ बजे ही स्कूल खोल दिया गया। सभी स्कूलों में 3.30 बजे तक पढ़ाई हुई। इस समय वातावरण में इतनी ठंड थी कि बच्चे कक्षाओं में कांप रहे थे। पछुआ में व्याप्त कनकनी बच्चों के स्वेटर को भी छेद रही थी। कई बच्चे तो कक्षाओं में कांपते नजर आए।
कई बच्चों एवं शिक्षकों का कहना था कि शिक्षा के साथ स्वास्थ्य भी बहुत जरूरी है। इतनी भीषण ठंड में अगर नियमित रूप से बच्चे स्कूल आएंगे तो बीमार हो सकते हैं।
पटना सहित आसपास के क्षेत्र में ठंड से बच्चों को बचाने के लिए जिला दंडाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह ने सरकारी व निजी स्कूलों में आठवीं तक की कक्षाएं स्थगित रखने का आदेश दिया है।
जिले में अत्यधिक ठंड पड़ रही है
मंगलवार को जिला दंडाधिकारी ने 25 तक प्री स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों समेत संबंधित कोचिंग केंद्रों में बच्चों के लिए शैक्षणिक गतिविधियां स्थगित रखने का आदेश जारी किया है। जिला दंडाधिकारी न्यायालय से जारी आदेश में कहा गया है कि जिले में अत्यधिक ठंड पड़ रही है। तापमान काफी कम है।
ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। इसको देखते हुए भादवि की धारा 144 के तहत सरकारी एवं निजी स्कूलों में नर्सरी से आठवीं तक की शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिबंध को 25 जनवरी तक विस्तारित किया जाता है।
वर्ग नौ से ऊपर की कक्षाएं सुबह नौ बजे के पहले एवं अपराह्न 3.30 बजे के बाद प्रतिबंधित रहेंगी। मिशन दक्ष तथा बोर्ड परीक्षा के लिए विशेष कक्षाओं का संचालन पर्याप्त सावधानी के साथ इस आदेश से मुक्त रहेगा। आदेश का उल्लंघन भादवि की धारा 188 के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा।