जालौन। कोंच कोतवाली क्षेत्र में एक प्राइवेट अस्पताल की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की जान चली गई। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। घटना की जानकारी होने पर क्षेत्राधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझा बुझाकर मामले की जॉच पड़ताल में जुट गए।
शुक्रवार को ग्राम गोरन करन निवासी सुमन देवी की डिलिवरी होनी थी। इसको लेकर पति मंगल सिंह द्वारा प्राईवेट अस्पताल जेपीएस में भर्ती कराया गया। जहां से प्रसव पीड़ा के दौरान महिला को 6 घंटे तक भर्ती रखा और फिर तबियत बिगड़ने पर उसे उरई रेफर कर दिया। जहां से डॉक्टर ने महिला की गम्भीर हालत को देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया। लेकिन इस दौरान सुमन ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में ही हंगामा काटना शुरू कर दिया। परिजनों का कहना है कि जब तबियत बिगड़ रही थी तो रेफर के लिए अस्पताल प्रबंधन से कहा गया लेकिन लेट लतीफी की वजह से समय पर इलाज नहीं मिल सका। जिससे उसके मरीज की मौत हो गई। अगर सही समय पर इलाज मिल जाता तो जच्चा-बच्चा दोनों की जान बचाई जा सकती थी। परिजनों ने डॉक्टर और स्टाफ पर लापरवाही के गम्भीर आरोप लगाए हैं और उसकी शिकायत पुलिस से भी की है।
वहीं, इस मामले में क्षेत्राधिकारी अर्चना सिंह का कहना है कि शुक्रवार का यह पूरा घटनाक्रम है। निजी नर्सिंग होम में महिला को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। इसके बाद उसे उरई रेफर कर दिया गया था। फिर वहां से उसे झांसी रेफर किया गया। इस दौरान उसकी रास्ते में मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गम्भीर आरोप लगाते हुए नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।