जिस मुन्नन खाँ को लोग बताते हैं कारसेवकों का हत्याराउनके नाम पर सरकारी रिकार्ड में चौक-चौराहा और गाँव

गोण्डा: अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को भगवान रामलला की विधि-विधान से प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है।पिछले एक माह से अधिक समय से राष्ट्रीय हिंदी दैनिक निष्पक्ष प्रतिदिन की टीम ने ग्राउंड से लोगों को ऐसे कई गुमनाम रामभक्तों के बारे में बताया, जिन्होंने राम मंदिर के लिए पांच सौ वर्ष तक चले संघर्ष एवं आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति तक दे दी। इस बीच कुछ गुमनाम विलेन भी सामने आए,जिनमें से एक मुन्नन खाँ भी है।सन 1990 में बलरामपुर से सांसद और मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे मुन्नन खाँ पर लोगों ने पुलिस की वर्दी पहनकर अयोध्या में कारसेवकों का नरसंहार करने का आरोप लगाया है।मुन्नन खाँ की मौत के बाद उसका बेटा कासिम खाँ अपने अब्बा की आपराधिक विरासत को संभाल रहा है।हमारी पड़ताल में यह भी निकल कर आया है कि मुन्नन के नाम पर न सिर्फ जगहों, बल्कि खेल प्रतियोगिताओं तक का नामकरण हुआ है।

पीडब्लू के बोर्ड पर मुन्नन खाँ चौराहा

गोंडा में शहर के बाहरी हिस्से पर मुन्नन खाँ नाम से एक चौराहा है।गौर करने वाली बात ये है कि यह चौराहा उस अयोध्या मार्ग पर है जहाँ मुन्नन खाँ द्वारा कारसेवकों के नरसंहार का आरोप है।यहाँ पीडब्लूडी के दो बोर्ड लगे हैं। एक बड़ा बोर्ड सड़क के बीचों बीच लगा है,जबकि दूसरा दिशा सूचक के तौर पर प्रयोग होता है।पीडब्लूडी द्वारा लगवाए गए इन दोनों बोर्ड पर अयोधा से गोंडा-तिराहे को मुन्नन खाँ चौराहा लिखा गया है।इस तिराहे पर अधिकतर दुकानें एक विशेष समुदाय के लोगों की हैं।उन सभी दुकानों के बोर्ड पर मुन्नन खाँ चौराहा लिखा हुआ है।गूगल मैप की लोकेशन सर्च करने में भी इस जगह का नाम मुन्नन खाँ चौराहा ही आता है।

चौराहे पर मुन्नन खाँ का घर और बेटे का ऑफिस

जब राष्ट्रीय हिंदी दैनिक निष्पक्ष प्रतिदिन की टीम मुन्नन खाँ चौराहे पर पहुँची तो पाया कि वहाँ मुन्नन खाँ का एक घर बना हुआ है।यहाँ पर मुन्नन अपने राजनैतिक चरम के दौरान रहा करता थे।घर काफी बड़े हिस्से में बना हुआ है। बाउंड्री से सटकर ही बहराइच जिले को जाने वाला बाईपास बना है।बाहर मुन्नन खाँ और उनके अब्बा का शिलापट लगा हुआ है।घर के चारों तरफ बड़ी सी बाउंड्री है जिसके बाहर कई गाड़ियाँ खड़ी थीं।वहीं रोडवेज की तरफ जाने वाली सड़क पर मुन्नन खाँ के बेटे मोहम्मद आसिम खाँ ने अपना ऑफिस खोल रखा है।इसके आसपास टायर पंचर आदि की दुकानें हैं।

चौराहे के पास सड़क से सटी मज़ार

मुन्नन खाँ चौराहे से बहराइच जाने वाली सड़क के किनारे महज सौ मीटर के आसपास चलने पर एक हरे रंग की मजार दिखाई देती है।मजार पक्की है और इसे देखकर लगता है कि इसका हाल ही में रंगाई-पुताई की गई है।इस पर बाकायदा अगरबत्ती और चादरपोशी भी की हुई है। मजार की वजह से सड़क को दबाना पड़ा जिसकी वजह से यहाँ अक्सर जाम आदि की भी समस्या आती रहती है।

मुन्नन खाँ के नाम पर एम. के. पेट्रोल पम्प

मुन्नन खाँ चौराहे पर एक एम.के.पेट्रोल पम्प है।इस पेट्रोल पम्प की देखरेख और मालिकाना हक मुन्नन खाँ के एक अन्य बेटे सलाहुद्दीन खाँ के पास है।सलाहुद्दीन को पेट्रोल पम्प की डीलरशिप भारत पेट्रोलियम ने साल 2019 में दी है।सूत्र बता रहे है कि 18 मार्च 2022 को एक ग्राहक ने एम.के.पेट्रोल पम्प पर कम मात्रा में तेल देने और ग्राहकों से खराब व्यवहार की शिकायत की थी। यह शिकायत इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की वेबसाइट पर रिव्यू सेक्शन में दर्ज करवाई गई है।ग्राहक होने का दावा करने वाले व्यक्ति का आरोप है कि तेल भरवाने के बाद जब पर्ची माँगी जाती है तो पेट्रोल पम्प के कर्मचारी ग्राहकों से अभद्रता करते हैं।शिकायतकर्ता ने लोगों को किसी और टंकी पर तेल भरवाने की सलाह दी है।इस पेट्रोल पंप के रिव्यू में पांच में से महज एक स्टार दिया गया है।

पुलिस रिकॉर्ड में भी चौराहा मुन्नन खाँ के नाम पर

पीडब्लूडी (लोक निर्माण विभाग) के अलावा यूपी पुलिस भी अपने रिकॉर्ड में चौराहे को मुन्नन खाँ के नाम से ही दर्ज करती है।पुलिस के डीसीआरबी (डिस्ट्रिक्ट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) द्वारा इस इस चौराहे को मुन्नन खाँ के नाम से दर्ज किया गया है।

मुन्नन खाँ के नाम पर एक गाँव का पुरवा भी

गोंडा जिले के कटरा बाजर थाना क्षेत्र में एक गाँव को भी लोग मुन्नन खाँ पुरवा बोलते हैं।इस नाम को बाकायदा
वेबसाइट पर गूगल मैप लोकेशन के साथ दर्ज भी करवाया गया है।इस जगह के मूल गाँव का नाम मोहन टेपरा है।
गोंडा शहर से इस पुरवा की दूरी लगभग 25 किलोमीटर है।यहाँ यह ध्यान देना जरूरी है कि मुन्नन खाँ ने अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत इसी कटरा विधानसभा से विधायक के रूप में की थी।आज भी उनके परिवार के तमाम सदस्य कटरा के हलधर मऊ इलाके में रहते हैं।

मुन्नन खाँ की याद में हर वर्ष क्रिकेट टूर्नामेंट

गोंडा जिले के कटरा बाजार में मुन्नन खाँ के नाम पर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है।इन आयोजनों में मुन्नन खाँ क्रिकेट टूर्नामेंट भी शामिल है।यह आयोजन मुन्नन खाँ की मेमोरियल के तत्वाधान में होता है।टूर्नामेंट में गोंडा ही नहीं,बल्कि आसपास के जिलों की टीमें हिस्सा लेती हैं।बाकायदा माइक आदि बाँधे जाते हैं और आस पास के ग्रामीण दर्शक के तौर पर जमा होते हैं।इस दौरान मैदान के चारों तरफ समाजवादी पार्टी के बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए जाते हैं।इनमें से कई होर्डिंग्स में तो अखिलेश यादव के उर्दू भाषा में लिखे पोस्टर होते हैं।उर्दू में लिखे इन शब्दों को हिंदी में ‘खैर मक़दम इस्तक़बाल’ कहते हैं।इसका मतलब होता है कि ‘आपका स्वागत है’।बैनरों में सपा के अलावा मुन्नन खाँ के मौजूदा परिवारिक सदस्यों का जिक्र रहता है इसके अलावा,मुन्नन खाँ का बेटा कासिम खाँ कटरा के हलधर मऊ में एक स्कूल चलाते है।इसका नाम यूनिटी पब्लिक स्कूल है।गोंडा शहर में मुन्नन खाँ और उनके परिजनों के अलावा रिश्तेदारों की भी कई जमीनें हैं। साल 2017 में कासिम खाँ पर गैंगस्टर ऐक्ट लगने के बाद जिला प्रशासन उन तमाम जमीनों की खोजबीन में भी जुटा था।नजूल की जमीन पर पुलिस ने अवैध निर्माण बताकर कार्रवाई भी की थी।

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